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27. ववहारणओ भासदि जीवो देहो य हवदि खलु एक्को। _ण दुणिच्छयस्स जीवो देहो य कदा वि एक्कट्ठो॥
ववहारणओ भासदि जीवो
व्यवहारनय कहता है
जीव
Ref he ho
हवदि
(ववहारणअ) 1/1 (भास) व 3/1 सक (जीव) 1/1 (देह) 1/1 अव्यय (हव) व 3/1 अक अव्यय (एक्क) 1/1 वि अव्यय अव्यय (णिच्छय) 6/1 (जीव) 1/1 (देह) 1/1 अव्यय
एक्को
दु
परन्तु
णिच्छयस्स
जीवो
निश्चयनय के जीव
अव्यय
कदा वि एक्कट्ठो
[(एक्क)+(अट्ठो)] [(एक्क) वि-(अट्ठ) 1/1] एक पदार्थ
. अन्वय- ववहारणओ भासदि जीवो य देहो एक्को खलु हवदि दु णिच्छयस्स जीवो य देहो कदा वि एक्कट्ठो ण।
अर्थ- व्यवहारनय (इस बात को) कहता है (कि) जीव और देह एक (समान) ही हैं, परन्तु निश्चयनय के (अनुसार) (तो) जीव और देह कभी एक (समान) पदार्थ नहीं (होते हैं)।
समयसार (खण्ड-1)
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