________________
48
जर्मन विद्वान वाल्टर सुबिंग ने भूमिका आदि सहित तथा प्रोफेसर लायमेन ने मूलसूत्र और नियुक्ति के जर्मन अनुवाद सहित इसे प्रकाशित किया। प्राकृत के सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ. पिशेल ने उत्तराध्ययन और दशवकालिक को भाषा विज्ञान की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण बताया है। २) उत्तराध्ययनसूत्र
उत्तराध्ययनसूत्र यह दूसरा मूलसूत्र है। उत्तर+अध्ययन इन दो शब्दों के मिलने से उत्तराध्ययन शब्द बना है। ऐसा माना जाता है कि- श्रमण भगवान महावीर ने अपने अंतिम चातुर्मास में अपने अंतिम समय में उपस्थित जनों को छत्तीस विषयों का उपदेश दिया, वे उत्तराध्ययन सूत्र में संगृहीत हैं। इसकी रचना अधिकांशत: पद्मात्मक शैली में है। शब्द रचना इतनी सुंदर है कि इसे धार्मिक काव्य भी कहा जा सकता है। इसमें उपमा, रूपक, दृष्टांत आदि अलंकारों का सहज रूप में प्रयोग हुआ है। जिससे वर्णित विषय बडे सरस और प्रेरक रूप में प्रगट हुए हैं। उत्तराध्ययन सूत्र में कर्म के भेद-प्रभेद तथा शुभ-अशुभ कर्मबंध का वर्णन है। कर्मों की व्याख्या उनके लक्षण आदि अनेक बातें हैं। ___सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ. विंटरनित्झ ने इसकी गीता, धम्मपद और सुत्तनिपात के साथ तुलना की है। इसमें जैन धर्म और दर्शन के संक्षेप में सार तत्त्व संकलित हैं।
__ आचार्य भद्रबाहु ने इस पर नियुक्ति की रचना की, तथा जिनदासगणि महत्तर ने चूर्णि लिखी। आ. लक्ष्मीवल्लभ, जयकीर्ति, कमलसंयम, भावविजय, विनयहंस, हर्षकूल आदि अनेक विद्वानों ने इस पर टीकायें लिखी। सुप्रसिद्ध जर्मन विद्वान डॉ. हर्मन जेकोबी ने अंग्रेजी अनुवाद सहित इसे प्रकाशित किया। ३) नंदीसूत्र
नंदीसूत्र अन्य आगमों के साथ अर्वाचीन है। ऐसी मान्यता है कि- इसके रचनाकार देववाचक थे। उनके गुरु का नाम दूष्य गणि था। नंदी सूत्र में ९० पद्यात्मक गाथायें हैं और ६९ सूत्र हैं। प्रारंभिक गाथाओं में भगवान महावीर, धर्मसंघ एवं श्रमण वृंद का संस्तवन किया गया है। जैन स्थविरावली या जैन आचार्य परंपरा का इसमें क्रमानुबद्ध वर्णन है।
प्रथम सूत्र में मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मन:पर्ययज्ञान और केवलज्ञान का उल्लेख है। ज्ञान के भेद-प्रभेदों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जो शास्त्राध्याताओं और जिज्ञासुओं के लिए बहुत उपयोगी है।
सम्यक् श्रुत के अन्तर्गत बारह अंगों की चर्चा है। यह बतलाया गया है कि - वे सर्वज्ञों, सर्वदर्शियों द्वारा भाषित हैं । श्रुत के भेदों की भी कई अपेक्षाओं से चर्चा आयी है। अंग