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कषाय-चारित्र-मोहनीय की १६ प्रकृतियाँ अनंनतानुबंधी कषाय नोकषाय-चारित्र-मोहनीय का स्वभाव मोहनीय कर्मबंध के ६ कारण मोहनीय कर्म पांच प्रकार से भोगे मोहनीय कर्म का प्रभाव आयुष्य कर्म का निरूपण आयुष्य कर्म का विस्तार आयुष्य कर्म १६ प्रकार से बाँधे आयुष्य कर्म ४ प्रकार से भोगे आयुष्य कर्म का प्रभाव नामकर्म का निरूपण नामकर्म का विस्तार नामकर्म ८ प्रकार से बाँधे नामकर्म २८ प्रकार से भोगे नामकर्म का प्रभाव गोत्रकर्म का निरूपण गोत्रकर्म की १६ प्रकृतियाँ गोत्रकर्म १६ प्रकार से भोगे गोत्रकर्म का प्रभाव अंतराय कर्म का निरूपण अंतराय कर्म की ५ प्रकृतियाँ अंतराय कर्म बंध ५ प्रकार से भोगे अंतराय कर्म का प्रभाव कर्मबंध की परिवर्तनीय अवस्था के १० कारण अन्य परंपरा में तीन अवस्थाएँ कर्मबंध का मूल कारण : रागद्वेष राग या द्वेष में नुकसानकारक कौन? प्रशस्त राग अप्रशस्त राग और उनके प्रकार
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