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________________ संदर्भ प्रथम प्रकरण था उत्तराध्ययन सूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनिजी) - अध्याय ९, गाथा ४८ उत्तराध्ययन सूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनि) - अ.१४११३. पृ.२२७ अमृत महोत्सव गौरव ग्रंथ : परिच्छेद उ. पृ. ८-१२ ४) सम्मेलन पत्रिका - लोक संस्कृति के अंचल विशेषांक पृ. १८ मनुस्मृति अमृत महोत्सव गौरव ग्रंथ - पृ. १३ भारतीय दर्शन (डॉ. राधाकृष्णन्) मा. २, पृ. १७ ७) तो समणो जई सुमणो, भावेण य जइ न होइ पावमणो। समणे - य जणे य जाणे, सोम य माणावमाणो सु॥ दशवैकालिक नियुक्ति - गाथा १५६ ८) उत्तराध्ययन सूत्र - अ - २५/ गाथा २९,३० ९) सूत्रकृतांग सूत्र - १/२/२/१ १०) सूत्रकृतांग सूत्र - १/२/२/२ ११) सूत्र कृतांग सूत्र - १/२/२/६ १२) धम्मपद धम्मठ्ठ वग्ग - ९,१०- पृ. ११८ १३) बौद्धधर्म क्या कहता है ? - पृ. ३५ १४) बौद्ध धर्म दर्शन : नगीनजी शाह - पृ. ६२ १५) गृहस्थ - धर्म प्रथम भाग - पृ. ४३ १६) आवश्यक सूत्र - (युवाचार्य मधुकर मुनि) अध्ययन ४ - पृ. ७० आवश्यक सूत्र - (युवाचार्य मधुकर मुनि) अध्ययन - पृ. ४-७३ १८) अत्यं भासइ अरहा, सुत्तं गन्थानी गणहरा, निउणं, सासणस्स हियद्वाए तओ सुत्तं पवत्तइ ।। आवश्यक नियुक्ति - १९२ (६०) १७)
SR No.002297
Book TitleJain Dharm ke Navkar Mantra me Namo Loe Savva Sahunam Is Pad ka Samikshatmak Samalochan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitrasheelashreeji
PublisherSanskrit Bhasha Vibhag
Publication Year2006
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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