SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 333
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५०) अनुयोगद्वार सूत्र : ( युवाचार्य मधुकर मुनि) पृ. ४६० ५१) उत्तराध्ययन सूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनि) अ. १२ ५२) अंतकृत दशांग सूत्र : ( युवाचार्य मधुकर मुनि) वर्ग ६, अ. १३ ५३) क) मूलाराधना २१ / ५२२ - ५२६ ख) धवला ८ / ३, ४१ ग) अनुयोगद्वार : (सं. मधुकर मुनि) पृ. ५० घ) राजवार्तिक- ६ / २४/११ ड) श्रावकाचार : ( अमित गति) ८ / ३१ ५४) समाइएणं भन्ते ! जीवे किंजणयई ? सामाइएणं सावज्जोगविरं जणंयई || उत्तराध्ययन सूत्र (सं. मधुकर मुनि) अ. २९, सू. १२, पृ. ४९४ ५५) तत्वार्थ - ७ - १६ (उमास्वाति) ५६) क) दीघनिकाय - महासतिपट्ठान - सुत्त पृ. १५ ख) संयुत्तनिकाय - पृ. ८-१० ५७) सुत्तनिकाय - १/१/८ ५८) सुत्तनिकाय - १/२/६ ५९) मज्झिमनिकाय - ३/४०/२ ६०) सुत्तनिपात - ३/३/७/७ ६१) श्रीमद् भगवद्गीता - २ / ४८ ६२) श्रीमद् भगवद्गीता ५ / १८ ६३) श्रीमद् भगवद् गीता ४ / २२ ६४) क) श्रीमद् भगवद् गीता ५ / १९ ख) गीता (शांकर भाष्य ) ५ / १८ ६५) श्रीमद् भगवद्गीता ५ / १९ ६६) श्रीमद् भगवद् गीता ९ / १९ ६७) श्रीमद् भगवद् गीता (शांकर भाष्य ) ६ / ३२ (३००)
SR No.002297
Book TitleJain Dharm ke Navkar Mantra me Namo Loe Savva Sahunam Is Pad ka Samikshatmak Samalochan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitrasheelashreeji
PublisherSanskrit Bhasha Vibhag
Publication Year2006
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy