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________________ पीड़ा दे रहा था। कई डॉक्टरों से इलाज करवाया। पर सरदर्द क्यों होता है ? कोई भी डॉक्टर डायग्नोसिस नहीं कर पाया। सिरदर्द तो बढ़ता ही जा रहा था। ___ एक दिन गुलाबचन्द भाई को कफ में रक्त आया इसलिए कई प्रकारकी चिकित्सा करवाई, तब पता चला कि शायद यह कैंसर की बिमारी है। गुलाबचन्द भाई कैंसर का नाम सुनकर बहुत चिंतित हो गए। डॉ. कपूर से मिले। उन्होंने भी जाँच की। उन्होंने कहा आप पैनिसिलिन के इंजेक्शन का एक कोर्स कीजिए उसके बाद अन्य उपचार हो सकेगा। ___ गुलाबचन्दभाई की हालत दिन - ब - दिन बिगड़ती जा रही थी। गला अन्दर-बाहर से सूज गया था। बहुत चिंताजनक स्थिति हो गई। गला सिकुड़ गया था। पानी भी पीना मुश्किल हो गया। दूसरे दिन डॉ. मोदी से मिले उन्होंने सभी प्रकार के टेस्ट करके बताया। गुलाबचन्द भाई अपकी बीमारी तो आखिरी स्टेजपर पहुंच गई है। इसके बाद डॉ. मोदी ने अकेले में उनके फॅमिली डॉक्टरसे कहा - मरीज अब एक - दो दिन का ही मेहमान है। शांति से इनके प्राण निकले, इसके लिए नशे का इंजेक्शन दे दीजिए। यह सुनकर सभी निराश हो गये। ____ गुलाचन्द भाई को जीभ और गले का कैंसर था। उन्होंने अपने डॉक्टर से कहा - ऐसा कोई उपाय कीजिए, जिससे मैं पानी तो पी सकूँ। गला सूख रहा हैं किसी तरह रात बीती श्री गुलाबचंद भाई घर आए। निराश हो चुके थे। जब मनुष्य का पुरुषार्थ थक जाता है, कहीं से आशा की किरण भी नहीं दिखाई दे तब मनुष्य धर्म की ओर मुड़ता है। धर्म सभी प्रकार से उसकी रक्षा करता है। गुलाबचन्द भाई ने सोचा अब जिंदगी का कोई भरोसा तो है नहीं तो नवकार मंत्र का स्मरण ही करता रहूँ । अब वही एक सहारा है। इस समय संध्या के साड़ेसात बज चुके थे। एक कमरे में बैठ गए।पहले सभी परिवारजनों (१५७)
SR No.002297
Book TitleJain Dharm ke Navkar Mantra me Namo Loe Savva Sahunam Is Pad ka Samikshatmak Samalochan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitrasheelashreeji
PublisherSanskrit Bhasha Vibhag
Publication Year2006
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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