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में उसके नमुक्कार एवं नमोक्कार - ये दो रुप बनते हैं। प्राकृत व्याकरण के अनुसार शब्द के आदि का नकार णकार में परिणत हो जाता है। तदनुसार णमुक्कार तथा णमोक्कार ये रुप भी होते हैं। इन रुपों में से यहाँ नमुक्कार पद को लिया गया है। नमुक्कार में म का लोप करने से नउक्कार शब्द बनता है। उसी से नमस्कार तथा अंत में नवकार शब्द होता है ।२५
णमो पद की विशेषताएँ
नमो पद निपात है। एक प्रकार का अव्यय है। नमो शब्द द्रव्य नमस्कार और भाव नमस्कार - दोनों को सूचित करता है ।२६
द्रव्य नमस्कार का आशय हाथ जोड़ना, मस्तक झुकाना, भूमि पर घूटने टेकना आदि हैं। जिनको नमस्कार करना है, उनके प्रति विनय, भक्ति तथा सम्मान रखना भाव नमस्कार है। नमस्कार करनेवाला व्यक्ति अपने मन में यह सोचे कि जिनको मैं नमस्कार करता हूँ, वे महान् हैं। मैं बहुत छोटा हूँ। ऐसी भावना किये बिना भाव नमस्कार नहीं होता।
णमो पद में जो नमस्कार की, विनय की, भावना है, वह धर्म का बीज है। नमस्कार से अंत:करण में धर्म के बीज का वपन होता है। नमस्कार से उत्पन्न भावोल्लास आत्मा रुपी क्षेत्र में धर्म के बहुमान रुपी बीज को बोता है। उससे धर्म चिंतनादि के रुप में अंकुर प्रस्फुटित होते हैं। धर्म श्रवण और धर्माचरण रुप शाखा - प्रशाखाओं का विस्तार होता है तथा स्वर्ग एवं मोक्ष प्राप्ति रुप पुष्प एवं फल प्राप्त होते हैं।
णमो पद धर्म शास्त्र, तंत्र शास्त्र तथा मंत्र शास्त्र - तीनों की दृष्टि से बड़ा रहस्यमय है। धर्मशास्त्रों में विनय को धर्म का मूल कहा गया है। उत्तराध्ययन सूत्र के पहले अध्ययन का नाम विनय श्रुत है ।२७ उसमें विनय का विशद विवेचन किया गया है।
विनय का फल गुरु की सेवा है। गुरु सेवा का फल श्रुतज्ञान की प्राप्ति है। श्रुत ज्ञान की प्राप्ति का फल आस्नव का निरोध है। आस्त्रव- निरोध का फल संवर की प्राप्ति है। संवर की प्राप्ति का फल तपश्चरण है । तपश्चरण का फल कर्म - निर्जरा है। कर्म - निर्जरा का फल क्रिया निवृत्ति है। क्रिया - निवृत्ति का फल मानसिक, वाचिक और कायिक योगों का निरोध हैं। योग निरोध का फल मोक्ष है। विनय से मोक्ष तक पहुँचने की यह एक प्रक्रिया है। ___ मंत्र-शास्त्र की दृष्टि से णमो शब्द शोधन - बीज कहा जाता है। शरीर, मन और आत्मा के शोधन में, परिष्कार में, वह अत्यंत उपयोगी है।
तंत्र शास्त्र की दृष्टि से णमो शब्द शांति और पुष्टि को सिद्ध करनेवाला पद है। अत: नमो पद के साथ प्रयोजित सूत्र शांतिपद और पुष्टिकर होता है।
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