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णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं। अरिहंतो को नमस्कार। सिद्धों को नमस्कार। आचार्यों को नमस्कार। उपाध्यायों को नमस्कार। लोक के समस्त साधुओं को नमस्कार ।१३
श्री नवकार महामंत्र का अर्थ
नमो अरिहंताणं ॥१॥
अरिहंतों को मेरा नमस्कार हो । अरि याने शत्रु । बाह्य शत्रु नहीं, आंतरिक शत्रु । हताणं याने नाश करना । वे आंतरिक शत्रु क्रोध, मान, माया, लोभ, राग और द्वेष है, ये छ: शत्रुओंका जिन्होने नाश किया है वे अरिहंत है ।१४ नमो सिद्धाणं ॥२॥
सिद्ध भगवान को मेरा नमस्कार हो। जिन्होंने अष्ट कर्म - ज्ञानवरणीय कर्म, दर्शनावरणीय कर्म, वेदनीय कर्म, मोहनीय कर्म, आयुष्य कर्म, नाम कर्म और गोत्र कर्म इन आठ कर्मों का नाश किया है उनको मेरा नमस्कार हो। सिद्ध भगवान संपूर्ण कर्मों का नाश करके सिद्धशिला पर बिराजमान है। नमो आयरियाणं ॥३॥
आचार्यों को मेरा नमस्कार हो । जो ज्ञानाचार, दर्शनाचार, चारित्राचार, तपाचार और वीर्याचार इन पाँच आचारोंका पालन करते हैं। उनको आचार्य कहते हैं। नमो उवज्झायाणं ॥४॥
उपाध्यायों को मेरा नमस्कार हो। जो स्वयं शास्त्र पढ़ते हैं, दूसरे को शास्त्र पढ़ाते हैं
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