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________________ वापिस माँगने लगे तो क्या होगा? यदि पूर्व जन्म में कोई आपराधिक केस चल रहा होगा तो उसका क्या होगा? विसंगतियाँ कोई कम नहीं हैं। यदि पूर्व जन्म में यह हिन्दु था और अब मुस्लिम के घर पैदा हो गया तो, पहिले का हिन्दुस्तानी आज पाकिस्तान में पैदा हो गया तो, पूर्व जन्म का पुरुष आज स्त्री के रूप में पैदा हुआ तो क्या होगा ? इसीप्रकार गरीब अमीर हो सकता है और अमीर गरीब, उच्च कुल वाला निम्न कुल में जा सकता है और निम्न कुल वाला उच्च कुल में। प्रश्न यह उठता है कि इन हालातों में कौन सा अधिकार मान्य किया जावे, कौन सा नहीं ? कौन सा कर्तव्य मान्य किया जावे, कौन सा नहीं। इसप्रकार हम पाते हैं कि पिछले जीवन की स्मृति नए जीवन में मात्र विसंगतियों को ही जन्म देती हैं; अतः इसके सम्बन्ध में अज्ञान ही उचित व हितकारी प्रतीत होता है। ___ जीवन एवं मृत्यु के सन्दर्भ में जिन तथ्यों की चर्चा अभी तक हमने की है; ऐसा नहीं है कि हम उन बातों को अबतक जानते-समझते नहीं थे; इसलिए हम मृत्यु के प्रति भयभीत थे, और अब इन तथ्यों को समझने के बाद हमारा भय दूर हो जावेगा। दरअसल मृत्यु के प्रति हमारी हिचक का मूल कारण है, तुरन्त चल पड़ने की हमारी तैयारी का न होना है। हम सभी की जीवन प्रणाली व कार्य प्रणाली ऐसी है कि दिन-रात अनेक कार्यों को सम्पन्न करते रहने के बावजूद हमारे अनेक कार्य हमेशा ही अधूरे पड़े रहते हैं और यह सब अनायास ही नहीं होता; वरन् यह हमारी सोची-समझी रीति-नीति है कि एक कार्य सम्पन्न हो, उसके पहिले ही दूसरे की नींव रख दें, ताकि कहीं रिक्तता न आ जावे, हमें फालतू न बैठना पड़े, हमें अवकाश न मिल जावे, और इसप्रकार हम हमेशा अत्यन्त व्यस्त होने के, अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होने के अहसास के - क्या मृत्यु महोत्सव अभिशाप है ?/3७ -
SR No.002295
Book TitleKya Mrutyu Abhishap Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmatmaprakash Bharilla
PublisherPandit Todarmal Smarak Trust
Publication Year2015
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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