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________________ इस चरित-काव्य के लंखक देवेन्द्रसूरि के गुरु का नाम जगच्चंद्रसूरि है।। देवेन्द्रसूरि को गुर्जर राजा की अनुमति से वस्तुपाल मन्त्री के समक्ष अर्बुदगिरि- : आबू पर सूरिपद प्रदान किया था। इनका समय लगभग ई. सन् 1270 के है। इस चरित काव्य का नाम नायिका के नाम पर रखा गया है। इस काव्य की नायिका सुदर्शना विदुषी और रूप-माधुर्य से युक्त है। सुदर्शना का जन्मोत्सव धूम-धामपूर्वक सम्पन्न किया जाता है। शैशवकाल में वह विद्याध्ययन के लिए उपाध्यायशाला में जाकर लिपि, गणित साहित्य आदि का अभ्यास करती है। पंडिता होने पर जब वह घर लौटकर आती है तो उसके कलाभ्यास की परीक्षा ली जाती है। उसे जातिस्मरण हो जाता है। भस्यकच्छ का ऋषभदत्त नाम का सेठ राजा के पास भेंट लेकर राजसभा में उपस्थित होता है। सुदर्शना के पिता अपनी कन्या की परीक्षा करने के लिए कुछ पहेलियाँ पूछते हैं। सुदर्शना उन पहेलियों के उत्तर बहुत अच्छी तरह देती है। राजा बहुत प्रसन्न होता है और बेटी सुदर्शना के ज्ञान की प्रशंसा करता है। इस चरित काव्य में तत्कालीन सामाजिक परिस्थिति का चित्रण किया गया है। मूल कथावस्तु के साथ अवान्तर कथाओं का इसमें सुन्दर गुम्फन हुआ है। सुदर्शना का चरित मन्द गति से विकसित होता हुआ आगे बढ़ा है। सुदर्शना का यह चरित्र हिरण्यपुर के सेठ धनपाल ने अपनी पत्नी धनश्री को सुनाया। कथा में प्रसंगवश अनेक स्त्री-पुरुषों के तथा नाना अन्य घटनाओं के रोचक वृत्तान्त शामिल हैं। 438. सुपासनाहचरियं प्राकृत की यह एक सुविस्तृत और उच्चकोटि की रचना है। इसमें लगभग आठ हजार गाथाएँ हैं । समस्त ग्रन्थ तीन प्रस्तावों में विभक्त है। नाम से स्पष्ट है कि इसमें सातवें तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का जीवनचरित वर्णित है। प्रथम प्रस्तव में सुपार्श्वनाथ के पूर्वभवों का वर्णन किया गया है और शेष में उनके वर्तमान जन्म का।इस तरह इसमें विविध धर्मोपदेश और कथा-प्रसंगों के बीच सुपार्श्वनाथ का संक्षिप्त चरित विखेरा गया है। अधिकांश भाग में सम्यग्दर्शन का माहात्मय, बारह श्रावक, व्रत, उनके अतिचार तथा अन्य धार्मिक विषयों को लेकर अनेक कथाएँ 366 10 प्राकृत रत्नाकर
SR No.002287
Book TitlePrakrit Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
Publication Year2012
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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