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________________ अभयदेव के तेजस्वी व्यक्तित्व का वास्तविक परिचय हमें उनकी कृतियों से प्राप्त होता है। उनमें उनके विचारों का मूर्तरूप स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। उन्होंने अपनी टीकाओं में बिन्दु में सिन्धु भरने का प्रयास किया है। उनकी पाण्डित्यपूर्ण विवेचनाशक्ति सचमुच ही दर्शनीय है। उन्होंने आगम रहस्यों को जिस सरलता व सुगमता से अभिव्यक्त किया है। वह उनके अत्यधिक उच्च कोटी के सैद्धान्तिक ज्ञान का एक ज्वलन्त प्रमाण है। प्रभावकचरित्रकार ने अभयदेव के स्वर्गवास का समय नहीं दिया है। उन्होंने इतना ही लिखा है कि वे पाटण में कर्णराज के राज्य में स्वर्गस्थ हुए। पट्टावलियों के अध्ययन से यह परिज्ञात होता है कि अभयदेव के स्वर्गवास का समय वि.स. 1135 और दूसरे अभिमत के अनुसार सं. 1138 हैं। पट्टावलियों में पाटण के स्थान पर कपडवंज का उल्लेख है। 14. अभिधानराजेन्द्रकोश ___ आधुनिक प्राकृत कोशों में आचार्य विजयराजेन्द्रसूरि द्वारा विरचित अभिधानराजेन्द्रकोश अत्यंत उपयोगी कोश है। आचार्य ने पन्द्रह वर्षों के लगातार परिश्रम के पश्चात् वि.सं. 1960 में साढ़े चार लाख श्लोक प्रमाण इस विशालकाय कोश की रचना की। यह कोश-ग्रन्थ सात भागों में है, जिनमें अकारादि क्रम में 60,000 शब्दों का मूल के साथ संस्कृत में अनुवाद, व्युत्पत्ति, लिंग एवं जैनागमों के अनुसार उनके अर्थ की प्रस्तुति की गई है। कुछ शब्दों के व्याख्या क्रम में संदर्भित कथाओं का भी निरूपण किया गया है। इससे यह कोश-ग्रन्थ रोचक एवं सरस बन गया है। जैन आगम-साहित्य में आए पारिभाषिक शब्दों का अध्ययन करने के लिए यह कोश अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। अभिधानराजेन्द्र कोश का संक्षिप्त रूप शब्दांबुधि में किया है, किन्तु यह रचना अभी अप्रकाशित है। 15: अभिनव प्राकृत -व्याकरण डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री ने प्राकृत -प्रबोध के पश्चात् ई. सन् 1963 में अभिनव प्राकृत -व्याकरण की रचना की है। इस व्याकरण-ग्रन्थ में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि अन्य किसी भी भाषा के व्याकरण को समझे बिना व्यक्ति इस ग्रन्थ के अध्ययन से प्राकृत भाषा के अनुशासन सम्बन्धी समस्त नियमों को समझ प्राकृतरत्नाकर 07
SR No.002287
Book TitlePrakrit Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
Publication Year2012
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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