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________________ 102 श्राद्धविधि प्रकरणम् श्रेणी (समपंक्ति) प्रश्रेणी (उलटी पंक्ति), स्वस्तिक, सौवस्तिक, पुष्पमान (लक्षणविशेष वर्धमान, मत्स्यांडक (मत्स्य के अंडे) मकरंडक (मगरके अंडे), जारमार (मणिविशेष पुष्पावली, पद्मपत्र, सागरतरंग, वासंतीलता, और पद्मलता, इनकी विचित्र रचनारूप दूसरा भेद [२] इहामृग (वरुभेड़िया), ऋषभ (बैल), अश्व,मनुष्य, मगर, पक्षी सर्प, किन्नर, रुरु (हरिणभेद), शरभ-अष्टापद, चमर (सुरागाय) हस्ती, वनलता पद्मलता इनकी विचित्र रचनारूप तीसरा भेद [३] एकतोवक्र (एक तरफ टेढ़ा) एकतःखड्ग (एक तरफ धारवाला), एकतःचक्रवाल (एक तरफ चक्राकार) द्विधा चक्रवाल (दोनों तरफ चक्राकार) चक्रार्द्धचक्रवाल ऐसी रचना रूप चौथा भेद [४] चन्द्रावलि (चंद्रकी पंक्ति) सूर्यावलि (सूर्य की पंक्ति), वलयावली, तारावली, हंसावलि, एकावलि, मुक्तावलि, कनकावलि, रत्नावलि, यह आवलिप्रविभक्ति (पंक्तिरचना) नामक पांचवां भेद [५] चंद्रोदयप्रविभक्ति (चंद्रोदय की रचना) सूर्योदयप्रविभक्ति (सूर्योदय की रचना) यह उदय प्रविभक्तिनामक छट्ठा भेद [६] चंद्रागमनप्रविभक्ति (चंद्र के आगमन की रचना) सूर्यागमनप्रविभक्ति (सूर्य के आगमन की रचना) यह गमनागमनप्रविभक्तिनामक सातवां भेद [७] चंद्रावरणप्रविभक्ति (चंद्रके आवरण की रचना), सूर्यावरणप्रविभक्ति (सूर्य के आवरण की रचना) यह आवरणप्रविभक्तिनामक आठवां भेद[८] चंद्रास्तमनप्रविभक्ति (अस्त होते चंद्र की रचना) सूर्यास्तमनप्रविभक्ति (सूर्यास्त कीरचना) यह अस्तमनप्रविभक्तिनामक नववां भेद [९] चंद्रमंडलप्रविभक्ति (चंद्रमंडल की रचना), सूर्यमंडलप्रविभक्ति (सूर्यमंडलो की रचना), नागमंडलप्रविभक्ति, यक्षमंडलप्रविभक्ति, भूतमंडलप्रविभक्ति, राक्षसमहोरगगंधर्वमंडलप्रविभक्ति यह मंडलप्रविभक्ति (मंडल की रचना) नामक दशवां भेद [१०] ऋषभललितविक्रान्त (बैल की एकजाति की गति) सिंहललितविक्रान्त (सिंह की विशेषगति),अश्वविलंबित (घोड़े की विशेषगति), गजविलंबित (हाथी की विशेषगति), मत्तहयविलसित (मस्त घोड़े की चेष्टा), मत्तगयविलसित (मस्त हाथी की चेष्टा), यह द्रुतविलंबित नामक ग्यारहवां भेद[११] शकटोपधिप्रविभक्ति (गाड़ी के उपकरण की रचना),सागरप्रविभक्ति (समुद्र की रचना), नगरप्रविभक्ति (नगर की रचना), यह सागरनगरप्रविभक्तिनामक बारहवां भेद [१२] नंदाप्रविभक्ति, चंपाप्रविभक्ति यह नंदाचंपाप्रविभक्ति नामक तेरहवां भेद [१३] मत्स्यांडप्रविभक्ति (मत्स्य के अंडे की रचना), करमाड़प्रविभक्ति, जारमारप्रविभक्ति यह मत्स्यांडादिप्रविभक्तिनामक चौदहवां भेद है [१४]। कखगघङप्रविभक्ति यह पन्द्रहवां भेद [१५] चछजझबप्रविभक्ति यह सोलहवां भेद [१६] टठडढणप्रविभक्ति यह सत्रहवां भेद [१७] तथदधनप्रविभक्ति यह अट्ठारहवां भेद [१८] पफबभमप्रविभक्ति यह उन्नीसवां भेद [१९] अशोकपल्लवप्रविभक्ति (आसोपालव की रचना), आम्रपल्लवप्रविभक्ति (आम के पत्ते की रचना), जम्बूपल्लवप्रविभक्ति, कोशंवपल्लवप्रविभक्ति, यह पल्लवप्रविभक्तिनामक बीसवां भेद [२०] पद्मलताप्रविभक्ति, नागलताप्रविभक्ति, अशोकलताप्रविभक्ति, चंपकलताप्रविभक्ति,
SR No.002285
Book TitleShraddhvidhi Prakaranam Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherJayanandvijay
Publication Year2005
Total Pages400
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size8 MB
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