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ग्यारहवां परिशिष्ट
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इति बाण प्रयोगात । अमर टीका सर्वस्व २।६।५४॥ पृ० १९८ ।
आवश्यक स्थान है, देख लें । कागज का अभी पता नहीं लगा। आप मुम्बई लिखते रहें। मैं रविवार २३ को अमृतसर जा रहा हूँ। शिवरात्रि पर मैं पहुंचूंगा। भाषाविज्ञान पर सर्वत्र चोट करें। और गहरी खोज निकालें।
.. भ.दत्त इति कालापाः अमर० टीका सर्वस्व ३।१॥३४॥
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(२२)
अथ
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नई देहली १०
प्रातः ८ बजे २२-१-४६ प्रिय...... "न सज्जते हेमपा."-अष्टाङ्ग हृदय, सूत्र स्थान ७२८॥ सर्वाङ्ग सुन्दरा टोका-सज्जत इत्यत्रात्मनेपदं चिन्त्यम् । ...
हेमादि-सज्जत इति पाठे सङ्गार्थक-षज्जेरात्मनेपदत्वं १५ चिन्त्यम् ।
ब्राह्मण ग्रन्थों में ऐसा प्रयोग खोज कर तुलना करें। पूरा नोट कर लें।
पं० जियालालजी को मिलकर २६ रात्रि और २७ रात्रि को दो व्याख्यान रखा दें। मैं पहुंच रहा हूं।
कागज का अभी पता नहीं । मुम्बई का टाईप अवश्य मंगालें। . वै० वाङ्-छपेगा। आप भी उसके लिए सामग्री देखते रहें। ...
• भगवद्दत्त (२३) - ओम्
नई देहली
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४-२-४६ प्रिय...m...
नमस्ते । एक का कार्ड ३ को कल मिला। कागज भेजने का