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ग्यारहवां परिशिष्ट
१३६ आचार्य भीमसेन का काल ईसा ६०० से पहले का है । यह लेख New Indian Antiquary vol. 1939 pp. 108-110 पर है। टिप्पण कर रखें। पीछे से देख लेंगे।
इतिहास का कितना काम हो गया। वेदभाष्य के टाइटल आदि पर से श्री स्वामी जी के विज्ञापनों की प्रतिलिपियां तिथि सहित ५ भेजें । जो मुद्रित न हों, वही भेजें । पूरा देख कर भेजें।
इतिहास के लिए आवश्यक पुस्तकें मैं ले सकता हूं, लिखें। वह पुस्तकालय के लिए पुस्तकें खरीदी गई या नहीं। इसका पूरा वृत्त लिखें । उत्तर शीघ्र।
भगवद्दत्त (३)
प्रोक्नक Bhagavab Datta B. A. Vedic Research Institute, Editor-in-chief
9c, Model Town (lahore) of History of India, (fifteen vols.) Dated 15.10-45 श्री पं० युधिष्ठिर जी,
नमस्ते, कृपा पत्र मिले। मैं १० दिन सिमला और देहली रहा । पाप का पत्र पढ़ कर अत्यधिक प्रसन्नता हुई। ईश्वर करे ग्रन्थ शीघ्र बने । यह अच्छा है कि समग्र ग्रन्थ प्रस्तुत करने से पूर्व यहां २० आवें । कातन्त्र पृ० ५५ पर अधिक खोज करें। ___ वाक्यपदीय प्रथम काण्ड की वृषभदेव की टीका में न्याङ्कवम् प्रयोग पर उदाहत सूत्र देखें। विचार करें कि किस व्याकरण का है। मुझे पता नहीं लगा। उस पर पाणिनीय प्रयोग भी दिया गया है । मुझे लिखें कि, क्या तात्पर्य निकल " "| त्रैमासिक पत्रों में कुछ २५ और लेख निकले हैं। यहां आने पर आप देख सकेंगे। क्या पुस्तकालय में पुस्तके .........।
१. इस विषय में व्या०शा० का इति० भाग १, पृष्ठ ३० पर टि०२ देखें । २. उस समय मैं वैदिक पुस्तकालय अजमेर में काम करता था। उस