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________________ २ / ५२ प्रातिशाख्य आदि के प्रवक्ता और व्याख्याता श्रालोचना - पाणिनीय सूत्र ६ । ३८ पर कात्यायन के वार्तिक द्वारा श्रात्मनेभाषा और परस्मैभाषा पदों के साधुत्व का निर्देश होने से यह कथमपि सिद्ध नहीं होता कि ये शब्द पाणिनि से पूर्व व्यवहृत नहीं थे, उसके पश्चात् ही व्यवहार में आये । इसीलिए कात्यायन को इनका निर्देश करने के लिए वार्तिक बनाना पड़ा । वास्तविकता तो ५ यह है कि श्रात्मनेभाषा परस्मैभाषा शब्द प्राक्पाणिनीय हैं । पाणिनीय धातुपाठ में इनका प्रयोग मिलता है । यथा ४०६ 'भू सत्तायाम् उदात्तः परस्मैभाषः । ' इस पर धातुप्रदीपकार मैत्रेय रक्षित लिखता है 'परस्मैभाषा इति परस्मैपदिनः पूर्वाचार्यसंज्ञा ।' पृष्ठ 2 | सायण भी धातुवृत्ति में लिखता है - 'परस्मैभाषा - परस्मैपदीत्यर्थ ।' पृष्ठ २ । इतना ही नहीं, जो लोग कात्यायनीय वार्तिकों में निर्दिष्ट प्रयोगों को उत्तरपाणिनीय मानते हैं, वे महती भूल करते हैं । हमने इस भूल १० 1 के निदर्शन के लिए इसी ग्रन्थ के प्रथम भाग पृष्ठ ४७, ४९ ( च० १५ सं०) पर एक उदाहरण दिया है । पाणिनि के चक्षिङः ख्या (21 ४५४) सूत्र पर कात्यायन का वार्तिक है - चक्षिङ: क्या इस वार्तिक में चक्षिङ् के स्थान पर पाणिनिनिर्दिष्ट ख्यात्र प्रदेश के साथ क्शाञ आदेश का भी विधान किया है । यदि आधुनिक शास्त्ररहस्य- अनभिज्ञ लोगों की बात मानी जाए, तो कहां जाएगा कि क्शा के रूप पाणिनि ये पूर्वं अथवा पाणिनि के समय प्रयुक्त नहीं होते थे । पीछे से प्रयुक्त होने लगे, तो कात्यायन को पाणिनीय सूत्र २० २५. में सुधार करना पड़ा । परन्तु यह है सर्वथा शुद्ध । पाणिनि से सर्वसम्मति से पूर्वकालिक स्वीकार की जानेवाली मैत्रायणी संहिता में ख्यात्र के प्रसङ्ग में सर्वत्र वशात्र के प्रयोग मिलते हैं । काठक में भी उभयथा प्रयोग उपलब्ध होते हैं तो क्या ये संहिताएं भी पाणिनि से उत्तरकालीन हैं ? इसलिए जो भी विद्वान् कात्यायन और पतञ्जलि के प्रयोगों को देखकर उन्हें उत्तरकालीन मानते हैं, और उसी के आधार पर इतिहास की कल्पना करते हैं, वे स्वयं धोखे में रहते हैं । और अपनी शास्त्रीय कल्पनाओं से शास्त्रसम्मत सिद्धान्त और ३०
SR No.002283
Book TitleSanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYudhishthir Mimansak
PublisherYudhishthir Mimansak
Publication Year1985
Total Pages522
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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