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लिङ्गानुशासन के प्रवक्ता प्रोर व्याख्याता
१४ - जयसह — इसके
जाता है । '
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ग्रन्थ का नाम 'लिङ्गवार्तिक' कहा
१५ - पद्मनाभ - इसके लिङ्गानुशासन का निर्देश हालदार जी ने किया है।
इस प्रकार हमने इस अध्याय में निर्णीत रूप से परिज्ञात २५ ५ लिङ्गानुशासन के प्रवक्ता आचार्यों, उनके अनेक व्याख्याताओं तथा १५ अनिर्णीत लिङ्ग प्रवक्ता आचार्यों वा प्रज्ञात लिङ्गानुशासनों का निर्देश किया है, अगले अध्याय में परिभाषा-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता प्राचार्यों का वर्णन करेंगे।
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१. व्याकरण दर्शनेर इतिहास, भाग १ पृष्ठ ४२८ । २. वही, पृष्ठ ४२२ ।