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________________ महाभाष्यप्रदीप के व्याख्याकार १०. नागेश भट्ट (सं० १७३० - १८१० वि० ) नागेश भट्ट ने कैयटविरचित महाभाष्यप्रदीप की 'उद्योत' अपरनाम 'विवरण' नाम्नी प्रौढ़ व्याख्या लिखी है | परिचय 1 वंश - नागेश भट्ट महाराष्ट्रीय ब्राह्मण था । इसका दूसरा नाम नागोजि भट्ट था । नागोजि भट्ट के पिता का नाम शिव भट्ट, और माता का नाम सतीदेवी था।' 'लघुशब्देन्दुशेखर' के अन्तिम श्लोक से विदित होता है कि नागेश के कोई संतान न थी ।' गुरु और शिष्य - नागेश ने भट्टोजि दीक्षित के पौत्र हरि दीक्षित से व्याकरणशास्त्र का अध्ययन किया था । वैद्यनाथ पायगुण्ड नागेश भट्ट का प्रधान शिष्य था । नागेशभट्ट की गुरुशिष्य - परम्परा इस प्रकार है रामाश्रम हरि दीक्षित ४६७ नागेश I बाल शर्मा वैद्यनाथ मनुदेव पाण्डित्य - नागेश भट्ट व्याकरण, साहित्य, अलंकार, धर्मशास्त्र, सांख्य, योग, पूर्वोत्तर-मीमांसा, और ज्योतिष प्रादि अनेक विषयों १० १. इति श्रीमदुपाध्यायोपनामक शिवभट्ट सुत सतीगर्भजनागेशभट्टविरचितलघुशब्देन्दुशेखरे ......। २. शन्देन्दुशेखरः पुत्रो मञ्जूषा चैव कन्यका । स्वमती सम्यगुत्पाद्य शिवयोरपितो मया ॥ ३. प्रफ्रेक्ट ने इसे भट्टोजि दीक्षित का पुत्र लिखा है । बृहत्सूचीपत्र भाग १, पृष्ठ ५२५ । ४. यह वैद्यनाथ का पुत्र है । देखो - एतत्कृत 'धर्मशास्त्रसंग्रह' का प्रारम्भ । १५
SR No.002282
Book TitleSanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYudhishthir Mimansak
PublisherYudhishthir Mimansak
Publication Year1985
Total Pages770
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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