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४५२ संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास
२४. अज्ञातकर्तृक _ 'मद्रास राजकीय हस्तलेख पुस्तकालय' के सूचीपत्र भाग ५, खण्ड १८ पृष्ठ ६४६६, ग्रन्थाङ्क ४४३६ पर 'महाभाष्यव्याख्या' का एक
हस्तलेख निर्दिष्ट है । ग्रन्थकर्ता का नाम और काल अज्ञात है । उस ५ में एक स्थान पर निम्न पाठ उपलब्ध होता है
'स्पष्टं चेदं सर्व भाष्य इति भाष्यप्रदीपोद्योतने निरूपितमित्याहुः।'
यह 'भाष्यप्रदीपोद्योतन' अन्नम्भट्ट-विरचित है । अतः सका काल १६वीं शती का पूर्वार्ध होना चाहिए । अन्नम्भट्टविरचित प्रदीपोद्योतन
का वर्णन हम अगले अध्याय में करेंगे । ग्रन्थकार का नाम ज्ञात न १० होने से हमने इसे अन्त में रखा है।
हमने इस अध्याय में महाभाष्य के २४ टीकाकारों का निरूपण किया है। अगले अध्याय में कैयटकृत 'महाभाष्यप्रदीप' के व्याख्याकारों का वर्णन होगा।