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________________ महाभाष्य के टीकाकार ३९७ भी व्याख्यात हुआ।' संस्कृत वाङमय में दो तीन कालीदास इसी प्रकार प्रसिद्ध हो चुके हैं। महाराज समुद्रगुप्त के कृष्णचरित से व्यक्त होता है कि शाकन्तल नाटक का कर्ता आद्य कालीदास था, परन्तु रघुवंश महाकाव्य का रचयिता हरिषेण कालिदास नाम से प्रसिद्ध हुआ। भट्टिकाव्य की रचना वलभी के राजा श्रीधरसेन के काल में ५ हुई है। वलभी के राजकल में श्रीधरसेन नाम के चार राजा हुये हैं, जिनका राज्यकाल संवत् ५५० से ७०५ तक माना जाता है । अतः भट्टिकाव्य का कर्ता भर्तृहरि वाक्यपदीयकार प्राद्य भर्तृहरि नहीं हो सकता.। भट्टिकाव्य के विषय में विशेष विचार 'लक्ष्यप्रधान वैयाकरण - कवि' नामक ३० वें अध्याय में किया है। : भागवृत्ति-भागवृत्ति अष्टाध्यायी की एक प्राचीन प्रामाणिक वृत्ति है। इसके उद्धरण व्याकरण के अनेक ग्रन्थों में मिलते हैं । भाषावृत्ति का टीकाकार सृष्टिधराचार्य लिखता है--भर्तृहरि ने श्रीधरसेन की आज्ञा से भागवत्ति की रचना की। कातन्त्र परिशिष्ट के कर्ता श्रीपतिदत्त ने भागवत्ति के रचयिता का नाम विमलमति १५ लिखा है। क्या संभव हो सकता है कि भागवृत्ति के कर्ता का वास्तविक नाम विमलमति हो, और भर्तहरि उसका औपाधिक नाम हो । भागवृत्ति की रचना काशिका के अनन्तर हुई है, यह निर्विवाद है । असः भागवृत्तिकार भर्तृहरि वाक्यपदीयकार से भिन्न हैं । इस पर विशेष विवेचन 'अष्टाध्यायी के वृत्तिकार' प्रकरण में करेंगे। २० .. भट्टिकार और भागवृत्तिकार में भेद-यदि भट्टिकाव्य और १. इस विषय में विशेष विचार इस ग्रन्थ के 'लक्ष्यप्रधान वैयाकरण कवि' नामक ३० वें अध्याय में देखें। २. राजकविवर्णन श्लोक २५, १६ । ३. राजकविवर्णन श्लोक २४, २६ । ४. काव्यमिदं विहितं मया वलभ्यां श्रीधरसेननरेन्द्रपालितायाम् । २२॥३५॥ ५. देखो, ओरियण्टल कालेज मेगजीन लाहौर, नवम्बर १९४० में 'भागवत्तिसंकलन' नामक हमारा लेख, पृष्ठ ६७ । तथा इसी ग्रन्थ के अष्टाघ्यायी के वृत्तिकार' प्रकरण में ‘भागवृत्तिकार' का वर्णन । ६. भागवृत्तिर्भर्तृहरिणा श्रीधरसेननरेन्द्रादिष्टा विरचिता ८।४।६८॥ ७. तथा च भागवृत्तिकृता विमलमतिना निपातितः । सन्धि-सूत्र १४२ । ३०
SR No.002282
Book TitleSanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYudhishthir Mimansak
PublisherYudhishthir Mimansak
Publication Year1985
Total Pages770
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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