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________________ ३५८ संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास * 3 के नाम से उद्धृत है ।' स्कन्दस्वामी निरुक्त ३।१६ की व्याख्या में चूर्णिकार के नाम से महाभाष्य १।१।५७ का पाठ उद्धृत करता है । स्कन्दस्वामी की निरुक्त टीका ८२ में चूर्णिकार के नाम से एक पाठ और उद्धृत है, परन्तु वह पाठ महाभाष्य का नहीं है, वह ५. मीमांसा १| ३ | ३० के शाबर भाष्य का पाठ है । आधुनिक पाणिनीशिक्षा का शिक्षा प्रकाश - टीकाकार शाबर भाष्य के इस पाठ को महा भाष्य के नाम से उद्धृत करता है । बौद्ध चीनी यात्री इसिंग ने महाभाष्य का चूर्णि नाम से उल्लेख किया है । * चूर्णिपद का अर्थ - क्षीरस्वामी ने अमरटीका में चूर्णि और १० भाष्य का पर्याय माना है । श्री गुरुपद हालदार ने वृद्धत्रयी पृष्ठ २६० पद चूर्णि का अर्थ दुर्गसिंह कृत उणादि वृत्ति ३|१८३ के अतुसार सूत्रवार्तिकभाष्य लिखा है । परन्तु छपी हुई कातन्त्र उणादि वृत्ति (३।६१ ) में चरतोति चूणिः ग्रन्थ विशेषः पाठ मिलता है । पदकार - स्कन्दस्वामी निरुक्तटीका १३ में पदकार के नाम से १५ महाभाष्य ५|२| २८ का पाठ उद्धृत किया हैं । उव्वट ने भी ऋक्प्रातिशाख्य १३ | १९ की टीका में पदकार शब्द से महाभाष्य १।१।१६ का पाठ उद्धृत किया है ।" आत्मानन्द ने प्रस्यवामीय सूक्त के भाष्य में पदकार के नाम से महाभाष्य १११।४७ को ओर संकेत किया हैं । १. कदाचित् गुणो गुणिविशेषको भवति, कदाचित्तु गुणिना गुणो विशेष्यते २० इति चूर्णिकारस्य प्रयोगः । पृष्ठ ७ । २. तथा च चूर्णिकारः पठति – वतिनिर्देशोऽयं सन्ति न सन्तीति । ३. चूर्णिकारो ब्रूते - य एव लौकिका : शब्दा • • इति । ४. य एव लौकिकाः शब्दास्त एव वैदिकास्त एव च तेषामर्था इति महाभाष्योक्तेः । शिक्षासंग्रह, पृष्ठ ३८६ काशी सं० ॥ ...... ५. इत्सिंग की भारत यात्रा, पृष्ठ २७२ ॥ ६. भाष्यं चूर्णि: ३।५।३१ ॥ पृष्ठ ३५३ ॥ ७. पदकार ग्रह — उपसर्गाश्च पुनरेवमात्मका • क्रियामाहुः | ८. पदकारेणाप्युक्तम् — प्रथमद्वितीया: " - महाप्रणा इति । ६. पदकारास्तु परभक्तं नुममाहुः । पृष्ठ १३ । महाभाष्यकार ने ३० सिद्धान्त पक्ष में नुम् को पूर्वभक्त माना है । कैयट लिखता है - उदत्र निर्दो .... षत्वात् पूर्वान्तपक्षः स्थितः । २५
SR No.002282
Book TitleSanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYudhishthir Mimansak
PublisherYudhishthir Mimansak
Publication Year1985
Total Pages770
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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