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विषय-सूची
२५ १०. शान्तनव' १३४। ११. वैयाघ्रपद्य १३४ । १२. माध्यन्दिनि १३६ । १३. रौढि १३६ । १४. शौनकि १४१ । १५. गौतम १४३ । १६. व्याडि १४३। ४-पाणिनीय अष्टाध्यायी में स्मृत (१०)आचार्य १४६
१. आपिशलि १४६, प्रापिशल सूत्र १५१ । २. काश्यप १५८ । ३. गार्य १६१ । ४. गालच १६५ । ५. चाक्रवर्मणं १६८ । ६. भारद्वाज १७२ । ७. शाकटायन १७४ । ८. शाकल्य १८३ । ६. सेनक १८८ । १०. स्फोटाक्न १८६ ।। ५-पाणिनि और उसका शब्दानुशासन पाणिनि के पर्याय १६३ । वंश तथा गुरु-शिष्य १६७ । देश २०२। मृत्यु २०३ । काल-पाश्चात्त्य मत २०५, पाश्चात्त्य मत की परीक्षा २०७, अन्तःसाक्ष्य २११, पाणिनि के समकालिक प्राचार्य २१६, शौनक का काल २१८, यास्क का काल २१६ । पाणित की महत्ता २२१ । पाणिनीय व्याकरण और पाश्चात्त्य बिद्वान २२३ । क्या कात्यायन और पतञ्जलि पाणिनि के सूत्रों का खण्डन करते हैं ? २२४ । पाणिनितन्त्र का आदिसूत्र २२४ । क्या प्रत्याहारसूत्र अपाणिनीय हैं ? २२६ । अष्टाध्यायी के पाठान्तर २३२ । काशिकाकार पर अर्वाचीनों के आक्षेप २३५ । अष्टाध्यायी का त्रिविध पाठ २३७ । पाणिनीय शास्त्र के नाम २३९ । पाणिनीय शास्त्र का मुख्य उपजीव्य २४२ । पाणिनीय तन्त्र की विशेषता २४२ । पाणिनीय तन्त्र पूर्व तन्त्रों से संक्षिप्त २४३ । अष्टाध्यायी संहिता पाठ में रची थी २४६ । सूत्रपाठ एकश्रुतिस्वर में था २४७ । अष्टाध्यायी में प्राचीन सूत्रों का उद्धार २४६ । प्राचीन सूत्रों के परिज्ञान के कुछ उपाय २५२ । अष्टाध्यायी के पादों की संज्ञाएं २५४ । पाणिनि के अन्य व्याकरणग्रन्थ २५५ । पाणिनि के अन्य ग्रन्थ-१. शिक्षा (सूकात्मिका श्लोकात्मिका) शिक्षासूत्रों का पुनरुद्धारक, सूत्रात्मिका के दो पाठ, श्लोकात्मिका के दो पाठ २५५ -२५७, सस्वरपाठ २५८; २. जाम्बवती-विजय २५८; ३. द्विरूप कोश २५६, पूर्वपाणिनीयम् २६० ।
१. इस प्रकरण में सर्वत्र शन्तनु के स्थान में 'शासनव' पाठ शोधे । विशेष देखें, भाग २, पृष्ठ ३४६, पं० २२ ।