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संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास
२३-गण-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता २४-उणादि-सूत्रों के प्रवक्ता और व्याख्याता २५-लिङ्गानुशासन के प्रवक्ता और व्याख्याता २६-परिभाषा-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता २७-फिट-सूत्र का प्रवक्ता और व्याख्याता २८-प्रातिशाख्य आदि के प्रवक्ता और व्याख्याता २६-व्याकरण के दार्शनिक ग्रन्थकार ३०-लक्ष्यप्रधान वैयाकरण कवि ...
तृतीय भाग की विषय-सूची परिशिष्ट विषय . . १- अपाणिनीय-प्रमाणता-नारायण भट्ट २-पाणिनीय व्याकरण की वैज्ञानिक व्याख्या का निदर्शन २-नागेशभट्ट-पर्यालोचित भाष्यसम्मत अष्टाध्यायीपाठ ४-अनन्तराम-पर्यालोचित भाष्यसम्मत अष्टाध्यायीपाठ ५-मूल पाणिनीयशिक्षा के बृहत् और लघु पाठ ६-जाम्बवती-विजय के उपलब्ध श्लोक वा श्लोकांश ७-कृष्ण-चरित (समुद्रगुप्त-विरचित) ८–'पदप्रकृतिःसंहिता' लक्षण पर विचार १-जार्ज कोर्डेना द्वारा 'सं० व्या० शा० का इतिहास' तथा मेरे
द्वारा सम्पादित व्याकरण विषयक ग्रन्थों पर लिखित
टिप्पणियां। १०-प्रथम और द्वितीय भाग में संशोधन और परिवर्धन ११-सं० व्या० शा० के इतिहास के परिष्कार में पत्र द्वारा सहयोग
देने वाले विद्वानों के पत्र । १२–तीनों भागों में निर्दिष्ट व्यक्ति संस्था देश और नगर के नाम १३-तीनों भागों में उद्धृत ग्रन्थों की सूची १४-पृष्ठ-निर्देश-पूर्वक उद्धृत ग्रन्थों का विवरण १५-आत्मपरिचय . .