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________________ संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास ४८ १६३ २६३ २६९ संक्षिप्त विषय-सूची . (प्रथम भाग) शध्याय विषय १-संस्कृत भाषा की प्रवृत्ति, विकास और ह्रास २-व्याकरण-शास्त्र की उत्पत्ति और प्राचीनता ३ - पाणिनीयाष्टक में अनुल्लिखित १६ प्राचीन प्राचार्य ४-पाणिनीय अष्टाध्यायी में स्मृत १० प्राचार्य ५-पाणिनि और उसका शब्दानुशासन ६- प्राचार्य पाणिनि के समय विद्यमान संस्कृत वाङ्मय ७-संग्रहकार व्याडि ८-अष्टाध्यायी के वार्तिककार 8-बातिकों के भाष्यकार ३५२ १०-महाभाष्यकार पतञ्जलि ३५६ ११- महाभाष्य के २४ टीकाकार ३८५ १२-महाभाष्य-प्रदीप के १४ व्याख्याकार ४५३ १३- अनुपदकार और पदशेषकार ४७१ १४-अष्टाध्यायी के ४७+८= ५५ वृत्तिकार ४७५ १५-काशिका के ८ व्याख्याता ५६१ १६-पाणिनीय व्याकरण के प्रक्रिया-ग्रन्थकार ५८२ १७-प्राचार्य पाणिनि से अर्वाचीन १९ वैयाकरण ६०८ द्वितीय भाग की विषय-सूची अध्याय विषय १८-शब्दानुशासन के खिलपाठ १६-शब्दों के धातुजत्व और धातु के स्वरूप पर विचार २०-धातु-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता (पाणिनि से पूर्ववर्ती) २१-धातु-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता (पाणिनि) २२-, , , (पाणिनि से उत्तरवर्ती)
SR No.002282
Book TitleSanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYudhishthir Mimansak
PublisherYudhishthir Mimansak
Publication Year1985
Total Pages770
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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