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संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास
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संक्षिप्त विषय-सूची
. (प्रथम भाग) शध्याय
विषय १-संस्कृत भाषा की प्रवृत्ति, विकास और ह्रास २-व्याकरण-शास्त्र की उत्पत्ति और प्राचीनता ३ - पाणिनीयाष्टक में अनुल्लिखित १६ प्राचीन प्राचार्य ४-पाणिनीय अष्टाध्यायी में स्मृत १० प्राचार्य ५-पाणिनि और उसका शब्दानुशासन ६- प्राचार्य पाणिनि के समय विद्यमान संस्कृत वाङ्मय ७-संग्रहकार व्याडि ८-अष्टाध्यायी के वार्तिककार 8-बातिकों के भाष्यकार
३५२ १०-महाभाष्यकार पतञ्जलि
३५६ ११- महाभाष्य के २४ टीकाकार
३८५ १२-महाभाष्य-प्रदीप के १४ व्याख्याकार
४५३ १३- अनुपदकार और पदशेषकार
४७१ १४-अष्टाध्यायी के ४७+८= ५५ वृत्तिकार
४७५ १५-काशिका के ८ व्याख्याता
५६१ १६-पाणिनीय व्याकरण के प्रक्रिया-ग्रन्थकार
५८२ १७-प्राचार्य पाणिनि से अर्वाचीन १९ वैयाकरण ६०८
द्वितीय भाग की विषय-सूची अध्याय
विषय १८-शब्दानुशासन के खिलपाठ १६-शब्दों के धातुजत्व और धातु के स्वरूप पर विचार २०-धातु-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता (पाणिनि से पूर्ववर्ती) २१-धातु-पाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता (पाणिनि) २२-, , , (पाणिनि से उत्तरवर्ती)