SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 145
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १०८ संस्कृत व्याकरण- शास्त्र का इतिहास प्राचार्य भागुरि ने किसी सामशाखा का प्रवचन किया था।' कश्मीर के छपे लौगाक्ष - गृह्य की अंग्रेजी भाषा निबद्ध भूमिका में अगस्त्य के श्लोकतर्पण का एक वचन उद्धृत है। उसके अनुसार भागुरि याजुष आचार्य है। संम्भव है भागुरि ने साम और यजुः दोनों की शाखाओं का प्रवचन किया हो । ५ २. ब्राह्मण - संक्षिप्तसार के 'श्रयाज्ञवल्क्यादेर्ब्राह्मणे सूत्र की टीका में प्रत्यासनिक गोयीचन्द्र उदाहरण देता है शाट्यायनिनः, भागुरिणः, ऐतरेयिणः । * इससे प्रतीत होता है कि भागुरि ने किसी ब्राह्मण का भी प्रवचन १० किया था । वह साम संहिता का था । भागुरिस्तु प्रथमं निर्दिष्टानां प्रश्नपूर्वकाणामर्थान्तरविषये निषेधो १५ ऽप्यनुनिर्दिष्टश्चेत् सोऽपि यथासंख्यालङ्कार इति । २० ३. श्रलङ्कार- शास्त्र —–सोमेश्वर कवि ने अपने 'साहित्यकल्पद्रुम' ग्रन्थ के यथासंख्यालङ्कार प्रकरण में भागुरि का निम्न मत उद्धृत किया है - २५ अभिनवगुप्त ने ध्वन्यालोक की लोचना टीका में भागुरि का निम्न मत उद्धृत किया है । तथा च भागुरिरपि - कि रसनामपि स्थायिसंचारिताऽस्तीत्याक्षिप्य श्रभ्युपगमेनेवोत्तरमवोचद् वाढमस्तीति । ' इन उद्धरणों से स्पष्ट है कि भागुरि का कोई अलङ्कारशास्त्र भी था। देखो श्री पं० भगवद्दत्तजी कृत 'वैदिक वाङ्मय का इतिहास' भाग १, पृष्ठ ३०८-३१० द्वि० सं० । २. लौगाक्षिश्च तथा काण्वस्तथा भागुरिरेव च । एते । पृष्ठ ९ । ३. तद्धित ४५४ । गुरुपदहालदार, व्या० द० इ० पृष्ठ ४९६ पर उद्धृत । ४. मुद्रितपाठ शाट्यायनी भागुरी ऐतरेयी अशुद्ध प्रतीत होता है, क्योंकि छन्दो ब्राह्मण-विषयक तद्धितप्रत्ययान्त अध्येतृवेदितृ विषय में बहुवचनान्त प्रयुक्त होते हैं ( द्र० - अष्टा० ४/२/६५ ) न कि केवल प्रोक्तार्थं मात्र में । ५. मद्रास राजकीय हस्तलेख पुस्तकालय का सूचीपत्र भाग १, खण्ड १ ६. तृतीय उद्योत, पृष्ठ ३८५ । ३० A, पृष्ठ २८६५, ग्रन्थाङ्क २१२६
SR No.002282
Book TitleSanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYudhishthir Mimansak
PublisherYudhishthir Mimansak
Publication Year1985
Total Pages770
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy