________________
५
१०
७८
६. पाल्य कीर्ति
७. शिवस्वामी ८. भोजदेव
संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास
६. बुद्धिसागर
१०. भद्रेश्वरसूरि ११. वर्धमान
१२. हेमचन्द्र
१३. मलयगिरि
१४. क्रमदीश्वर
१५. अनुभूतिस्वरूप १६. वोपदेव
१७. पद्मनाभ
जैन शाकटायन (सं० ८७१-९२४) (सं० ६१४-९४० सरस्वतीकण्ठाभरण (सं० २०७५ - १११० ) ( सं० २०८० )
—
-
बुद्धिसागर दीपक
......
हैमव्याकरण
शब्दानुशासन
जौमर
सारस्वत मुग्धबोध
(सं० १२०० से पूर्व )
(सं० ११५० - १२२५)
(सं० ११४५ - १२२६)
(सं० १९८८ - १२५० )
( वि० १३०० से पूर्व )
(सं० १२५० )
(सं० १२८७ - १३५०)
( वि० १४वीं शताब्दी)
सुपद्म
इन से अरिरिक्त अन्य भी कतिपय प्रति अर्वाचीन व्याकरणकर्ता हुए हैं, उन के ग्रन्थ या तो नाममात्र के व्याकरण हैं अथवा श्रप्रसिद्ध १५ हैं । अतः उनका वर्णन इस ग्रन्थ में नहीं किया जायगा ।
अब अगले अध्याय में पाणिनीय-तन्त्र में अतुल्लिखित तथा पाणिनि से प्राचीन आचार्यों के विषय में लिखेंगे ।
34312