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________________ अल्पबहुत्व मार्गणास्थानों की अपेक्षा जीवों के अन्तर, भाव और अल्पबहुत्व का प्रमाण (पु.५, प्रस्ता . पृ.४३ ऐ) मार्गणा मार्गणा के अवान्तर भेद | नाना जीवों की अपेक्षा | एकजीव की अपेक्षा भाव जघन्य | उत्कृष्ट बचावातसंबत अकराववत् | अकराववत् साविक संक्तासंबत निरन्तर निरन्तर असंक्त मिध्याहदि अन्तर्मुहूर्त शोन ३१ सागरोपम मोधवत् । मोघवत् मोधवत् । मोधवत् गुणस्थान चारों गुणस्थान गुणस्थानमेवाभाव प्रमाण मोमबत् मत्परत्वाभाव मोधवत् चारों गुणस्थान भोधवत् - भादयिक मिथ्यादि (सासाचनसम्बम्हति सम्बग्मिध्यारष्टि पल्योपम असं भाग अन्तर्मुहूर्त शोन दो हजार सागरोपम ओघवत् निरन्तर (मसंबतसम्बम्हहि से चक्षुर्शनी मनमत्तसंवत तक - सर्वगुणस्थान मनोयोगिवत् ९दर्शनमार्गणा चारो उपशामक ,क्षपक आपशामिक सायिक मोधवत् मोधवत् अचक्षु- मिथ्यादि से वर्शनी क्षीणकवाय तक मोधवत् काययोगिवत् अवधिज्ञानिवत् सायिक दोनों गुणस्थान केवलज्ञानिवत् मोधवत् अवधिदर्शनी अवधि- | अवधिज्ञानिवत् | अवधिज्ञानिवत् | अवधिशानिवत् शानिवत् केबलवर्शनी केवलज्ञानी. | केवलज्ञानिवत् कृ.नी.का. मिध्याहदि निरन्तर अन्तर्मुहूर्त | देशोच ३३१४७ कृष्ण, नील,मसंवतसम्बम्हति सागरोपम कपोत लेखाबाले (सासावनसम्बम्हहि| मोघवत् | मोधवत् ल्योपम असं. भाग सम्बम्मिथ्यादि तेज.पथ. (मिध्याहति निरन्तर साधिक २, १८ असंवतसम्बम्हाधि सागरोपम सासाचनसम्बन्ष्टि सम्बग्मिध्यारह सक्से कम संस्थातगुणित मसंवतसम्बधि मिथ्याति असंख्यातगुणित भनन्तगुणित मखमत्तसंवत प्रमत्तसंवत संवतासंबत संस्बातगुणित मसंबातगुणित
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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