________________
श्री चन्द्रप्रभ की विशिष्ट पुस्तकें ऐसे जिएँ : पृष्ठ ११०,मूल्य १५/जीने की शैली और कला को उजागर करती विश्व-प्रसिद्ध पुस्तक । स्वस्थ,प्रसन्न और मधुर-जीवन की राह दिखाने वाली प्रकाश-किरण। महावीर की साधना के रहस्यः पृष्ठ १००,मूल्य १५/भगवान् महावीर के जीवन,सिद्धान्त औररहस्यदर्शी सूत्रों के आधार परसाधना एवं मुक्ति के मौलिक मार्ग का दिग्दर्शन करती पठनीय पुस्तक । जागो मेरे पार्थ : पृष्ठ २५०,मूल्य ४०/गीता पर दिये गये विशिष्ट आध्यात्मिक प्रवचनों का अनूठा संकलन । गीता की समय-सापेक्ष विवेचना । नई दृष्टि;नया चिन्तन । महाजीवन की खोज : पृष्ठ १४०,मूल्य २५/धर्म और अध्यात्म का समन्वय स्थापित करता एक सम्प्रदायातीत ग्रन्थ । आचार्य कुंदकुंद,योगीराज आनंदघन एवं श्रीमद् राजचन्द्र के सूत्रों व पदों पर दिये गये अत्यन्त गहन-गंभीर प्रवचन। ध्यान का विज्ञान : पृष्ठ १२४,मूल्य २५/ध्यान की सम्पूर्ण गहराइयों को प्रस्तुत करता एक अभिनव ग्रन्थ । अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बहुचर्चित ग्रन्थ।
न जन्म, न मृत्युः पृष्ठ १६०,मूल्य ३०/मुक्ति और अमरता की खोज में उद्घाटित करती अन्तर्दृष्टि । अष्टावक्र-गीता पर दिये गये अद्भुत, अनुभव-सिद्ध प्रवचन। अब भारत को जगना होगा: पृष्ठ १५०,मूल्य ३०/उस मानव-चेतना के जागरण का आह्वान जो आज कायर और नपुसंक बन बैठी है। भारतीय दृष्टि एवं मूल्यों को नये सिरे से समझने का एक नवीनतम उपक्रम । स्वयं से साक्षात्कार : पृष्ठ १४६,मूल्य १०/मन-मस्तिष्क की दूषित ग्रन्थियों को निर्मल करने के लिए ध्यान-शिविर में दिये गये अमृत प्रवचन । ऐसी हो जीने की शैली : पृष्ठ १७६,मूल्य ३०/जीवन और धर्म-पथ को पुनर्परिभाषित करते हुए जीने की साफ-स्वच्छ राह दिखाती पुस्तक ।
प्राप्ति स्थान श्री जितयशा फाउंडेशन, ९ सी-एस्प्लानेड रो ईस्ट (रूम नं. २८), कलकत्ता-६९