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अभिधानचिन्तामणिः १दोला प्रेजोलनं प्रेङ्खा २फाण्टं कृतमयत्नतः ॥ ११७ ॥ ३अधःक्षिप्त न्यश्चितं स्या४दूर्ध्वक्षिप्तमुदश्चितम् । ५नुन्ननुत्तास्तनिष्ठयूतान्याविद्धं क्षिप्तमीरितम् ।। ११८ ॥ ६समे दिग्धलिप्ते रुणभुग्ने रूषितगुण्डिते ।
गूढगुप्ते च १०मुषितमूषिते ११गुणिताहते ॥ ११६ ।। १२स्यानिशातं शितं शातं निशितन्तेजितं क्ष्णुतम् । १३वृते तु वृत्तवावृत्ती
लुलितम् , प्रेजितम् , धुतम् , चलितम् , कम्पितम् , धूतम् ; वेल्लितम् , आन्दोलितम् ।।
१. 'दोला, झूलना' के ३ नाम हैं-दोला, खोलनम , प्रेसा ।। २. 'बिना प्रयत्न किये गये का १ नाम है - फाण्टम्।।
विमर्श-जो बिना पकाये बिना पीसे ही केवल जलके संसर्गमात्रसे विभक्तरसवाला काढ़ा आदि आग पर थोड़ा-सा गर्म करनेपर तैयार हो जाय उसे 'फाण्ट' कहते हैं, जैसे-"फाण्टाभिरद्भिराचामेत्', (कुछ गर्म (विशेष प्रायास के बिना ही थोड़ा तपाये हुए ) पानीसे आचमन करे ) यहां थोड़ा गर्म करनेसे आयास ( परिश्रम ) का अभाव-सा प्रतीत होता है, ऐसा कुछ प्राचार्योंका मत है। कुछ प्राचार्योंका यह भी मत है कि 'श्रायासरहित पुरुष या दूसरे किसीको भी 'फाण्ट' कहते हैं, यथा-"फाण्टाश्चित्रास्त्रपाणयः॥"
३. 'नीचे फेंके गये'के २ नाम है-अधःक्षिप्तम , न्यञ्चितम ॥ .
४. 'ऊपर फेंके गये'के २ नाम हैं-ऊर्ध्वक्षिप्तम् , उदञ्चितम् (+उदस्तम )॥
५. 'फेंके गये'के ७ नाम हैं-नुन्नम , नुत्तम , अस्तम , निष्ठय तम , श्राविद्धम , क्षिप्तम , ईरितम् (+चोदितम् ) ॥.
६. 'लीपे गये, पोते गये'के २ नाम हैं-दिग्धम् , लिप्तम् ॥ ७. 'टूटे हुए के २ नाम हैं-रुग्णम् , भुग्नम् ॥
८. 'रूषित (भस्म या सूखी मिट्टी श्रादि रगड़ने या पोतने )के २ नाम हैं-रूषितम् , गुण्डितम् ।।
६. 'गृढ, छिपे हुए'के २ नाम हं-गृढम्, गुप्तम् ।। १०. 'चुराये गये'के २ नाम हैं-मुषितम्, मूषितम् ॥ ११. 'गुणित ( अंक, रस्सी आदि ) के २ नाम हैं-गुणितम्, आहतम् ॥
१२. ( शानपर चढ़ाकर या पत्थर आदि पर रगड़कर ) तेज किये गये के ६ नाम हैं-निशातम् , शितम्, शातम् , निशितम्, तेजितम् , दणुतम् ।।
१३. 'चुने गये, निर्वाचित'के ३ नाम है-वृतः, वृत्तः, वावृत्तः ।।