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श्रभिधानचिन्तामतिः
१ हस्तिनासा करः शुण्डा हस्ती २ऽग्रन्त्वस्य पुष्करम् । ३ अङ्गुलिः कर्णिका ६ कर्णमूलचूलिका अपाङ्गदेशी निर्याणं ६गण्डस्तु करटः कटः ।। २६१ ।। १० अवग्रहो ललाटं स्या ११दारक्षः कुम्भयोरधः । १२ कुम्भौ तु शिरसः पिण्डौ १३ कुम्भयोरन्तरं विदुः ।। २६२ ।। १४वातकुम्भस्तु तस्याधो १५ बाहित्यन्तु ततोऽप्यधः । १६वाहित्याधः प्रतिमानं १७पुच्छमूलन्तु पेचकः ।। २६३ ।। १८दन्तभागः पुरोभागः १६ पक्षभागस्तु पार्श्वकः ।
४ दन्तौ विषाणों स्कन्ध आसनम् ||२०|| स्या७दीपिका त्वक्षिकूटकम् ।
१. 'हाथी के सूंड़' के ४ नाम हैं- हस्तिनासा, करः, शुण्डा, हस्त: || २. 'सूड' के अगले भाग' का १ नाम है - पुष्करम् ॥
३. 'हाथी के अङ्ग लि'का १ नाम है – कणिका ||
४. 'हाथी के दोनों दाँतों का १ नाम है - विषाणौ ।
५. 'हाथी के कन्धे' का १ नाम है - आसनम् ॥
६. ‘हाथीके कर्णमूल ( कनपट्टी ) का १ नाम है - चूलिका |
७. ‘हाथीके नेत्रके गोलाकार भाग'का १ नाम है - ईषिका ( + ईषीका,
इषिका, इषीका ) |
८. 'हाथी के नेत्रप्रान्त'का १ नाम है - निर्याणम् ||
६. 'हाथी के गण्डस्थल, कपोल के २ नाम हैं- करटः कटः ॥
१०. 'हाथीके ललाट'का १ नाम है -- अवग्रहः ॥
११. 'हाथी के दोनों कुम्भों ( मस्तकस्थ मांस - पिण्डों ) के नीचेवाले भाग' का १ नाम है - आरक्षः ॥
१२. 'हाथी के मस्तक के ऊपर में स्थित दो मांसपिण्डों का १ नाम है
कुम्भौ ॥
१३. 'पूर्वोक्त दोनों कुम्भों के मध्यभाग'का १ नाम है - विदु: ( पु ) ॥ १४. 'उक्त विदु ( कुम्भद्वय के मध्यभाग ) के नीचेवाले भाग' का १ नाम - वातकुम्भः ॥
१५. 'पूर्वोक्त 'वातकुम्भ' के नीचेवाले भाग'का १ नाम है -वाहित्यम् ॥ १६. 'पूर्वोक्त 'वाहित्थ' के नीचेवाले भाग'का १ नाम है - प्रतिमानम् ॥ १७. 'दाथोकी पूंछके मूल भाग' का १ नाम है - पेचकः ॥ १८. 'हाथी के श्रागेवाले भाग'का १ नाम है - दन्तभागः ॥ १६. 'हाथीके बगलवाले भाग' का १ नाम है - पार्श्वकः ॥