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तिर्यककाण्ड: ४ ] 'मणिप्रभा'व्याख्योपेतः २८३
श्मथ रक्तसरोरुहे ।। २२८ ॥ रक्तोत्पलं कोकनदं २कैरविण्यां कुमुद्वती। ३उत्पलं स्यात्कुवलयं कुवेलं कुवलं कुवम् ।। २२६ ॥ ४श्वेते तु तत्र कुमुद कैरवं गर्दभाह्वयम् । पनीले तु स्यादिन्दीवरं ६हल्लक रक्तसन्ध्यके ॥ २३० ॥ .
सौगन्धिके तु कहारं ८बीजकोशो वराटकः। कर्णिका पद्मनालन्तु मृणालं तन्तुलं विसम् ।। २३१ ॥ १०किजल्कं केसरं ११संवर्तिका तु स्यान्न दलम् । १२करहाटः शिफा च स्यात्कन्दे सलिलजन्मनाम् ॥ २३२ ॥ १३उत्पलानान्तु शालूकं
१. 'रक्तकमल' के ३ नाम हैं--रक्तसरोरुहम्, रत्तोत्पलम् , कोकनदम् ॥
२. 'कुमुदिनी ( रात्रिमें खिलनेवाली कमलिनी) के २ नाम हैं-कैर-- विणी, कुमुदती (+कुमुदिनी)। .
३. 'उत्पल के ५ नाम हैं-उत्पलम् (पु न ), कुवलयम्; . कुवेलम्।" कुवलम् (पुन), कुवम् ॥ ___४. 'श्वेत उत्पल'के ३. नाम है-कुमुदम् (+कुमुत्,-द्), कैरवम्, गर्दभाइयम् ( अर्थात् 'गधे'के वाचक सबं नाम, अतः-गर्दभम, खरम्)॥
५. 'नीले उत्पल'का १ नाम है-इन्दीवरम् ॥
६. 'सुख (अधिक लाल) उत्पल'के २ नाम है-हल्लकम् , रक्तसन्ध्यकम् (+ रक्तोत्पलम् ) ॥
७. 'सुगन्धि कमल' (यह शरद् ऋतुमें फूलता है और श्वेत होता है ) के २ नाम है-सौगन्धिकम, कह्लारम् ॥
८. 'कमलगट्टाके कोष (छत्ते ) के ३ नाम है--बीजकोशः, वराटकः, कर्णिका ॥
६. कमलनाल (कमलकी डण्ठल ) के ४ नाम है-पद्मनालम् ,, मृणालम् ( त्रि ), तन्तुलम, विसम् ।।
१०. कमल-केसर'के २ नाम है-किअल्कम्, केसरम् ( २ पु न)। ११. 'कमलकी नयी पंखुड़ी'का १ नाम है-संवर्तिका ॥
१२. 'पानीमें उत्पन्न होनेवाले कमल आदिके कन्द ( मूल ) के २ नाम हैं-करहाटः, शिफा (+कन्दः (पु न)॥
१३. 'उत्पलके कन्द'का १ नाम है-शालूकम् ॥