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________________ २५४ __ अभिधानचिन्तामणिः १सुवेलः स्यात्रिमुकुटस्त्रिकूटस्त्रिककुच्च सः॥६६॥ २उज्जयन्तो रैवतक: ३सुदारुः पारियात्रकः। ४लोकालोकश्चक्रवालोऽथ मेरुः कर्णिकाचलः॥१७॥ रत्नसानुः सुमेरुः स्वःस्वर्गिकाश्चनतो गिरिः। ६शृङ्गन्तु शिखरं कूटं ७प्रपातस्त्वतटो भृगुः॥१८॥ मेखला मध्यभागोऽद्रेनितम्बः कटकश्च सः। दरी स्यात्कन्दरोऽ१०खातबिले तु गह्वरं गुहा ॥६६॥ १५द्रोणी तु शैल योः सन्धिः १२पादाः प्रत्यन्तपर्वताः। ... १३दन्तकास्तु बहिस्तिर्यकप्रदेशा निर्गता गिरेः ॥ १०० ।। १. 'सुवेल पर्वत'के ४ नाम हैं-सुवेलः, त्रिमुकुटः, त्रिकूटः, त्रिककुत् २. रैवतक पर्वत' के २ नाम हैं-उज्जयन्तः, रैवतकः ॥ ३. 'पारियात्र पर्वत'के २ नाम हैं-सुदारुः, पारियात्रकः ॥ . ४. 'लोकालोक पर्वत'के २ नाम है-लोकालोकः, चक्रवालः ॥ ५. 'सुमेरु पर्वत'के ७ नाम है-मेरुः, कर्णिकाचलः, रत्नसानुः, सुमेरुः, स्वगिरिः, स्वर्गिगिरिः, काञ्चनगिरिः । ( ४।६३ से यहांतक सब पर्वतके पर्याय वाचक शब्द पुंल्लिङ्ग हैं )॥ ६. 'शिखर, पहाड़की चोटी के ३ नाम हैं-शृङ्गम् , शिखरम् , कूटम् (३ न पु)॥ ७. 'प्रपात'के ३ नाम हैं-प्रपातः, अतटः, भृगुः । विमर्श-"जिस तटसे गिरा जाय, उस तटका नाम 'भृगु' है" यह किसीकिसीका मत है ॥ ८. 'पर्वतकी चढ़ाईके मध्यभाग'के ३ नाम हैं-मेखला, नितम्बः, कटकः ( पु न )॥ ६. 'कन्दरा; दर्रा'के २ नाम हैं-दरी, कन्दरः ( त्रि)॥ १०. 'गुहा, पर्वतकी गुफा के २ नाम हैं-गह्वरम् ( पु न ), गुहा ।। विमर्श-किसी-किसी के मतसे 'दरी, कन्दरः, गह्वरम् , गुहा'ये ४ नाम "गुफा के ही हैं ।। ११. 'दो पर्वतोंके मिलनेके स्थान' का नाम है-द्रोणी॥ १२. 'पर्वतके पासवाले छोटे-छोटे पहाड़ों'का १ नाम है-पादाः ।। १३. 'पर्वतके निकले हुए बाहरी तिर्छ स्थानों'का १ नाम है-दन्तकाः ॥
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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