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________________ ૨૫૨ अभिधानचिन्तामणि: -१स्तुल्यौ कटाहकर्परौ। २मणिकोऽलिब्जरो ३गर्गरीकलश्यौ तु मन्थनी ।।८।। ४वैशाखः खजको मन्था मन्थानो मन्थदण्डकः । मन्थः क्षुब्धोपऽस्य विष्कम्भो मञ्जीरः कुटरोऽपि च ।। ८ ।। ६शालाजीरो वर्धमानः शरावः ७कोशिका पुनः। मल्लिका चषक: कंसः पारी स्यात्पानभाजनम् ॥१०॥ कुतूश्चर्मस्नेहपानं ६ कुतुपस्तु तदल्पकम् ।। १०दृतिः खल्ल११श्चमेमयी त्वालूः करकपात्रिका ।।६१ ॥ ... १२सर्वमावपनं भाण्डं १३पात्राऽमत्रे तु भाजनम् । १. 'कड़ाह'के २ नाम हैं-कटाहः ( त्रि ), कपरः ॥ २. 'हथहर, गडुई के २. नाम है-मणिकः, अलिजरः (२ पुन)॥ ३. 'दही मथनेके बर्तन'के ३ नाम हैं-गगंगे, कलशी, मन्थनी ।। . ४. 'मथनी'के ७ नाम हैं-वैशाखः, खजकः, मन्याः (-थिन् ), मन्थानः, मन्थदण्डकः, मन्थः, क्षुब्धः ।।.. ५. जिसमें बांधकर मथनी घुमायी जाती है, उस खम्भे' के ३ नाम हैविष्कम्भः (+दण्डकरोटकम ), मञ्जीरः, कटरः (+कुटकः)। ६. 'सकोरे, ढकनी आदि के ३ नाम है-शालाजीरः, वर्धमानः, शरावः (२ पु न)॥ ७. 'प्याली या प्याले'के ६ नाम हैं--कोशिका, मल्लिका, चषकः, कंस: (२ पु न ), पारी, पानभाजनम् ॥ ८. 'कुप्पा ( तेल या घी रखनेके लिए चमड़ेके बने हुए बड़े पात्र)' का १ नाम है-कुतः ॥ ६. 'कुप्पी (पूर्वोक्त छोटे बर्तन) का १ नाम है-कुतुपः (पु न )॥ १०. 'खरल ( दवा आदि कूटनेके लिए लोहे या पत्थर के बने खरल ) के २ नाम है- दृतिः (पु), खल्लः ॥ ११. चमड़ेके के कमण्डलु'का १ नाम है-करकपात्रिका ॥ १२.:भाण्ड ( जिसमें कोई वस्तु रखी जाय उस )के २ नाम है--आक‘पनम्, भाण्डम् ।। १३. 'बर्तन ( छोटी थाली )के ३ नाम हैं-पात्रम् (त्रि), अमत्रम् , भाजनम् ॥ विमर्श-'अमरकोष'कारने श्रावपन आदि पांचो पर्यायोंको एकार्थक माना है (२६।३३)।
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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