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अभिधानचिन्तामणिः
१च्चन्द्रशाला शिरोगृहम ॥ ६१ ॥ २कुप्यशाला तु सन्धानी ३कायमानं तृणौकसि। ४होत्रीयन्तु हविगैहं ५प्राग्वंशः प्राग्हविहान् ।। ६२ ॥ ६आथर्वणं शान्तिगृहण्मास्थानगृहमिन्द्रकम ।
तैलिशाला यन्त्रगृहहमरिष्टं सूतिकागृहम् ।। ६३ ।। १०सूदशाला रसवती पाकस्थानं महानसम् । ११हस्तिशाला तु चतुरं १२वाजिशाला तु मन्दुरा ॥ ६४॥ १३सन्दानिनी तु गोशाला १४चित्रशाला तु जालिनी। . १५कुम्भशाला पाकपुटी १६तन्तुशाला तु गतिका ।। ६५ ।।
१. 'शिरोगृह ( घरके ऊपर बने हुए दुमंजिले श्रादि मकान के २ नाम हैं-चन्द्रशाला, शिरोगृहम् ॥
२. 'सोने-चांदीसे भिन्न ( तांबा आदि ) धातु . रखे जानेवाले घर'के २ नाम है-कुप्यशाला, सन्धानी ॥
३. 'तृण, काष्ठ आदि रखे जानेवाले घर'के २ नाम हैं--कायमानम् , तृणौकः (-कस )॥ .
४. 'हवनगृह अग्निहोत्र भवन के २ नाम हैं-होत्रीयम् , हविर्गे हम् ।। ५. 'हवनगृहके पूर्व भागमें स्थित घर'का १ नाम है-प्राग्वंशः ।।
६. 'शान्तिगृह'के २ नाम हैं-आथर्वणम् , शान्तिगृहम् (+शान्तिगृहकम् )॥
७. 'अास्थानगृह, सभाभवन' २ नाम हैं-आस्थानगृहम् , इन्द्रकम् ॥ ८. 'तेल पेरनेवाले कोल्हू घर के २ नाम हैं-तैलिशाला, यन्त्रगृहम् ।। ६. 'सूतीगृह'के २ नाम हैं-अरिष्टम् , सूतिकागृहम् ।।
१०. पाकशाला, रसोईघर के ४ नाम हैं-सूदशाला, रसवती, पाकस्थानम्, (+पाकशाला ), महानसम् ॥
११. 'हाथीखाना, हाथीके रहनेका घर'के २ नाम हैं-हस्तिशाला, चतुरम् ॥
१२. 'घुड़सार, घोड़ोंके रहनेका घर'के २ नाम हैं-वाजिशाला, मन्दुरा (स्त्री न)॥
१३. 'गोशाला'के २ नाम हैं-सन्दानिनी, गोशाला ॥ • १४. 'चित्रशाला'के २ नाम है-चित्रशाला, जालिनी ।।
१५. 'घड़ा, या बर्तन बनाने या पकाये जानेवाले घर'के २ नाम हैंकुम्भशाला, पाकपुटी॥
१६. 'कपड़ा बुने बानेवाले घर के २ नाम हैं-तन्तुशाला, गर्तिका ॥