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________________ तिर्थक्काण्डः ४] 'मणिप्रभा'व्याख्योपेतः २४५ ... कुट्टिमन्त्वस्य बद्धभूः । २चतुःशालं सञ्जवनं ३सौधन्तु नृपमन्दिरम् ।। ५८ ॥ ४उपकारिकोपकार्या ५सिंहद्वारं प्रवेशनम् । प्रासादो देवभूपानां य॑न्तु धनिनां गृहम् ।। ५६ ॥ ८मठावसथ्यावसथाः स्युरछात्रव्रतिवेश्मनि । हपर्णशालोटज१०श्चैत्यविहारौ जिनसद्मनि ॥ ६०॥ ११गर्भागारेऽपवरको वासौकः शयनास्पदम् । १२भाण्डागारन्तु कोशः स्या(-श्मन, न), निकेतनम् , मन्दिरम् (न स्त्री), सदनम्, सद्म (-झन् , न), निकाय्यः, भवनम् ( न पु), कुटः (पु स्त्री ), श्रालयः, निलयः, शाला, सभा, उदवसितम् , कुलम् , धिष्ण्यम् , आवसथः, स्थानम् , पस्त्यम् , संस्त्यायः, आश्रयः, ओकः (-कस न), निवासः, आवासः, वसतिः (स्त्री), शरणम् , क्षयः, धाम (-मन् न ), आगारंम् , निशान्तम् ॥ . १. 'पत्थर श्रादिसे बने हुए मकानके फर्शका १ नाम है-कुटिमम् (न पु)॥ . २–'चारो ओर से बने हुए घरवाले मकान'के २ नाम हैं-चतुःशालम् , संजवनम् ॥ ३. 'राजभवन'का १ नाम है-सौधम् ॥. ४. 'सामियांना, टेण्ट आदि-कपड़ेके मकान के २ नाम हैं-उपकारिका, उपकार्या (+उपकर्या )। ५. प्रवेशद्वार के २ नाम है-सिंहद्वारम् , प्रवेशनम् ॥ . ६. 'देवताओं तथा राजाओंके घर'का १ नाम है-प्रासादः ॥ .. ७. 'धनवानोंके घर'का १ नाम है-हय॑म् ॥ ८. 'मठ (छात्रों या संन्यासी आदि व्रतियोंके घर) के ३ नाम हैंमठः (त्रि), श्रावसथ्यः, आवसथः ॥ ६. 'पर्णशाला, झोपड़ी (पत्तियों या घास-फूस श्रादिसे छाये हुए मुनि आदिकी कुटिया ) के २ नाम है-पर्णशाला, उटबः (पुन)॥ १०. 'जिन मन्दिर के २ नाम हैं-चैत्यम् , विहारः ॥ ११. 'तहखाना ( भूमिके अन्दर बने हुए घर ) के ४ नाम हैं-गर्भागारम्, अपवरकः, वासोकः (-कस् ), शयनास्पदम् ॥ १२. 'भाण्डार, खजानाघर के २ नाम हैं-भाण्डागारम्, कोशः (+कोषः । पुन)॥
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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