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मयंकाण्डः ३] . 'मणिप्रभा'व्याख्यापेतः
१प्रक्रिया त्वधिकारो२ऽथ मर्यादा धारणा स्थितिः । संस्था३ऽपराधस्तु मन्तुळलीकं विप्रियागसी ।। ४०८ ।। ४वलिः करो भागधेयो पडिपाधो द्विगणो दमः। ६वाहिनी पृतना सेना बलं सैन्यमनीकिनी ॥४०६॥ कटकं ध्वजिनी तन्त्रं दण्डोऽनीकं पताकिनी । वरूथिनी चमूश्चक्रं स्कन्धावारोऽस्य तु स्थितिः ॥ ४१० ॥
शिबिरं रचना तु स्याद् व्यूहो दण्डादिको युधि । युक्तम् , साम्प्रतम् , लभ्यम् , प्राप्तम्, भजमानम् , अभिनीतम् , श्रौपयिकम् (सब वाच्यलिङ्ग है)।
१. 'अधिकार के २ नाम हैं-प्रक्रिया, अधिकारः ॥ . २. 'मर्यादा'के ४ नाम है-मर्यादा, धारणा, स्थितिः, संस्था ।
३. 'अपराध'के । नाम है-अपराधः, मन्तुः (पु), व्यलीकम् (पुन), विप्रियम , अागः (-गस , न)॥
४. 'कर, टैक्स'के ३ नाम हैं—बलिः (पु स्त्री), करः, भागधेयः ॥
विमर्श-यद्यपि अर्थशास्त्रमें प्रजासे अन्नादिके उपजका छठा हिस्सा लेना 'भागधेय' स्थावर तथा बङ्गम (नदी, पर्वत, जङ्गल आदि तथा रथ, गाड़ी आदि )से हिरण्मादि (सोना, या रुपया आदि) लेना 'कर' और भृत्यादिके उपजीव्य वस्तुको लेना 'बलि' कहा गया है, तथापि यहांपर उन विशिष्ट भेदोंका आभय छोड़कर सामान्यतया सबको पर्याय रूपमें कहा गया है ॥ ...
५. 'दुगुना दण्ड'का १ नाम है-द्विपाद्यः ॥
६. 'सेना'के १६ नाम हैं-वाहिनी, पृतना, सेना, बलम् , सैन्यम् , अनीकिनी, कटकम् (पु न ), ध्वजिनी, तन्त्रम् , दण्डः, अनीकम् (२ पुन), पताकिनी, वरूथिनी, चमूः (श्री), चक्रम् (पु न ), स्कन्धावारः ॥
७. 'शिबिर (सेनाके ठहरनेका स्थान पड़ाव )का १ नाम हैशिबिरम् ॥
८. 'दण्ड' श्रादि नामक व्यूह (मोर्चाबन्दी ) का १ नाम है-व्यूहः ।।
विमर्श-कुछ व्यूहोंके ये नाम हैं-दण्डव्यूह, मण्डलव्यूह, उच्छनव्यूह, अवलब्यूह, दृढव्यूह, चक्रव्यूह, शकटव्यूह, वराहव्यूह, मकरव्यूह, सूचीव्यूह, गरुडव्यूह, । (इनमें से कतिपय व्यूह-रचनाओंके प्रकार एवं इनमेंसे किस व्यूहकी रचना किस अवस्थामें करनी चाहिए, इत्यादि जाननेके लिए 'मनुस्मृति' की (७ । १८७-१९१) मस्कृत 'मणिप्रभा' नामकी राष्ट्रभाषामयी