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________________ १६६ अभिधानचिन्तामणिः श्नवं वासोऽनाहतं स्यात्तन्त्रक निष्प्रवाणि च । २प्रच्छादनं प्रावरणं संव्यानं चोत्तरीयकम् ॥ ३३५॥ .. वैकक्षे प्रावारोत्तरासङ्गो बृहतिकाऽपि च । ४वराशिः स्थूलशाटः स्यात् ५ परिधानं त्वधोऽशुकम् ॥ ३३६ ॥ अन्तरीयं निवसनमुपसंव्यानमित्यपि। ६तद्ग्रन्थिरुच्चयो नीवी -वरस्त्रयोरुकांशुकम् ॥ ३३७ ।। चण्डातकं चलनकपश्चलनी वितरस्त्रियाः। चोलः कन्चुलिका कूर्पासकोऽङ्गिका च कन्चुके ।। ३३८ ।। १०शाटी चोट्य११थ नीशारो हिमवातापहांशुके। .. १२कच्छा कच्छाटिका कक्षा परिधानाऽपराञ्चले ॥ ३३६ ॥ १. (बिना धुले तथा बिना पहने हुए ) 'नये कपड़े'के. ३ नाम हैंअनाहतम , तन्त्रकम , निष्प्रवाणि (सब त्रि)॥ २. 'दुपट्टा, चद्दर'के ४ नाम हैं-प्रच्छादनम्, प्रावरणम् , संव्यानम् , उत्तरीयकम् ॥ ___३. 'छातीपर तिछे रखे हुए चादर'के ४ नाम हैं-वैकक्षम, प्रावारः, उत्तरासङ्गः, बृहतिका ॥ ४. 'मोटी साड़ी'के २ नाम हैं-वराशिः (पु+वरासिः) स्थूलशाट: (+स्थूलशाटकः ) ॥ ५. 'धोती ( कमरसे नीचे पहने जानेवाले कपड़े) के ५ नाम हैंपरिधानम, अधोऽशुकम् (+अधोवस्त्रम ), अन्तरीयम, निवसनम्, उपसंव्यानम्।। ६. 'नीवी ( कमरसे नीचे पहनी गयी साड़ी की गांठ के २ नाम हैंउच्चयः, नीवो ॥ ७. 'साया ( उत्तम स्त्रियोंके साड़ीके नीचे पहने जानेवाले लहंगेके वस्त्र के २ नाम हैं-चएडातकम्, चलनकः ।। . ८. 'सामान्य स्त्रियोंकी साड़ीके नीचे पहने बानेवाले वस्त्र'का १ नाम है-चलनी॥ ६. 'स्त्रियों की चोली-ब्लाउज आदि'के ५ नाम हैं-चोल:, कञ्चुलिका, कूर्पासकः (+कूर्पासः ), अङ्गिका, कञ्चुकः (पु न)॥ • १०. स्त्रियोंकी साड़ी के २ नाम हैं-शाटी (पु न । + शारः, शाटकः ), चोटी (+ चोट: पु स्त्री)॥ ११. रजाई'का १ नाम है-नीशारः॥ १२. 'धोतीकी लांग ( पछुश्रा, ढेका ) के ३ नाम है-कच्छा, कच्छाटिका (कच्छाटी, पु स्त्री), कक्षा ।
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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