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________________ मर्यकाण्ड: ३ ] मणिप्रभा'व्याख्योपेतः १कूच कूप भ्रुवोर्मध्ये २पक्ष्म स्यान्नेत्ररोमणि । ३गन्धज्ञा नासिका नासा घ्राणं घोणा विकूणिका ॥ २४४ ॥ नक्रं नर्कुटकं शिचिटन्योष्ठोऽधरो रदच्छदः । दन्ताखश्च ५तत्प्रान्तौ मुक्कणी ६असिकन्त्वधः ॥ २४५ ॥ ७असिकाधस्तु चिबुकं स्याद्गल्लः सक्कणं परः। हगल्लात्परः कपोलश्च १०परो गण्डः कपोलतः॥२४६ ॥ ११ततो हनुः १२श्मश्रु कूर्चमास्यलोम च मासुरी। १३दाढिका दंष्टिका१. 'भौहोंके मध्यभाग'के २ नाम हैं-कूर्चम् ( पु न ), कूर्पम् ।। २. 'पपनी ( नेत्रके बालों ) का १ नाम है-पक्ष्म ( -क्ष्मन् पु न )॥ ३. 'नाक'के ६ नाम हैं-गन्धज्ञा, नासिका, नासा, घ्राणम् , घोणा, विकूणिका, नक्रम् ( न ।+पु ), नर्कुटकम् (+नकुटम् ), शिचिनी ॥ शेषश्चात्र-नासा तु गन्धहृत् । नसा गन्धवहा नस्या नासिक्यं गन्धनालिका। ४. 'ओष्ठ'के ४ नाम हैं-ओष्ठः, अधरः, रदच्छदः, दन्तवस्त्रम् । पु न । किसीके मतसे 'अधर' शब्द नीचेवाले अोष्ठका पर्याय है )। शेषश्चात्र-श्रोष्टे तु दशनोच्छिष्टो रसालेपी च वाग्दलम् । ५. 'ओष्ठप्रान्तों ( ओष्ठके दोनों . भागों-गलजबड़ों)का १ नाम हैसुकणी ( कि ।+ सक्कणी,-क्वि, सृक्किणी,-कन् । द्वित्वापेक्षासे द्विवचनका प्रयोग किया गया है ) ॥ ६. 'ओष्ठके नीचेवाले भाग'का १ नाम है-असिकम् ॥ ७. 'उक्त असिकके नीचेवाले भाग, ठुड्ढी'का १ नाम है-चिबुकम् ॥ ८. 'गलजबड़ोके बादवाले भाग'का १ नाम है -गल्ल: । ६. 'कपोल, गाल ( गल्लके बादवाले भाग )का १ नाम है-कपोलः ॥ १०. 'कपोलके बादवाले भाग'का १ नाम है-गण्डः ॥ विमर्श-विशेष भेद नहीं होनेसे 'गल्लः, कपोलः, गण्ड:'-ये तीनों शब्द एकार्थक ( 'गाल'के वाचक ) ही हैं, ऐसा भी किसी का मत है । ११. 'ठुड्ढी दाढ़ी' या-ऊपरवाले जबड़े'का १ नाम है-हनुः (पु स्त्री)॥ १२. 'दाढ़ीके बाल के ४ नाम हैं-श्मश्रु (न), कूर्चम् (पु न ), आस्यलोम (-मन् ), मासुरी ॥ शेषश्चात्र-श्मश्रुणि व्यञ्जनं कोटः। १३. 'दाढ़ी के २ नाम है-दाढिका, दंष्ट्रिका (+द्राढिका)॥ १० अ० चि०
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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