________________
मर्त्यकाण्ड : ३ ]
'मणिप्रभा' व्याख्योपेतः
गोधूमचूर्णे समिता २यवक्षोदे तु चिक्कसः । ३गुड इक्षुरसक्वाथः ४शर्करा तु सितोला || ६६ ॥ सिता च ५ मधुधूलिस्तु खण्ड ६स्तद्विकृती पुनः । मत्स्यण्डी फाणितनापि ७र सालायान्तु मार्जिता ॥ ६७ ॥ शिखरिण्यथ न्यूयूषो रसो दुग्धन्तु सोमजम् । गोरसः क्षीरमूधस्नं स्तन्यं पुंसवनं पयः ॥ ६८ ॥ घृतदध्यादि ११पेयूषोऽभिनवं पयः ।
१० पयस्य
१२ उभे क्षीरस्य विकृती किलाटी कूर्चिकाऽपि च ॥ ६६ ॥
१. 'गेहूँ के आटे का १ नाम है - समिता ॥
२. 'जौ के आटे' का १ नाम है -- चिक्कस: ( पुन ) ॥
३. 'गुड़' का १ नाम है - गुडः ॥
४. 'शक्कर, चीनी' के ३ नाम हैं-शर्करा, सितोपला, सिता ॥
५. 'खाँड़' के २ नाम हैं- मधुधूलि :, खण्ड: ( पुन ) ॥
१०५
६. 'राब' के २ नाम हैं- मत्स्यण्डी ( + मत्स्याण्डिका, मत्स्यण्डिका ), फाणितम् (पुन) ।।
७. 'सिखरन' के ३ नाम हैं - रसाला, मार्जिता ( + मर्जिता ), शिखरिणी ॥
८. 'जूस, यूष (मूंग, परवल आदिका रस ) के ३ नाम हैं- : ( पु ), यूषं (पुन), रस: ॥
६. 'दूध' के ८ नाम हैं - दुग्धम्, सोमजम्, गोरस:, क्षीरम् ( पु न ), ऊधस्यम्, स्तन्यम्, पुंसवनम् पय: ( - यस् ) ॥
"
शेषंश्चात्र—दुग्घे योग्यं बालसात्म्यं जीवनीयं रसोत्तमम् ।
सरं गव्यं मधुज्येष्ठं, धारोष्णं तु पयोऽमृतम् ॥
१०. दूध से बने हुए पदार्थ (घृत, (दही) मक्खन आदि ) का १ नाम - पयस्यम् ॥
११. 'फेनुस ( थोड़ी दिनको व्यायी हुई गाय आदिके दूध )का १ नाम है -- पेयूष: + (पीयूषम् ) ।
विमर्श - वैजयन्तीकारका मत है कि एक सप्ताह के भीतर व्यायी हुई 'गाय श्रादिके दूधको 'पेयूषम् ' तथा उसके बादके दूधको 'मोरटम् ; मोर कम्' कहते हैं ॥
(पुत्री), कूर्चिका
१२. 'खोवा, मावा' के २ नाम हैं-किलाटी ( + कूचिका ) ॥