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________________ देवकाण्डः २] भणिप्रभा'व्याख्योपेतः -१स्याद्रतिः पुनः ॥ २०६ ॥ रागोऽनुरागोनुरतिरहसस्तु हसनं हसः। घर्घरो हासिका हास्यं ३तत्रादृष्टरदे स्मितम् ।। २१० ॥ वक्रोष्ठिका४ऽथ हसितं किञ्चिदृष्टरदाङ्करे। पकिञ्चिच्छृते विहसितमट्टहासो महीयसि ॥ २११॥ ७अतिहासस्त्वनुस्यूतेऽपहासोऽकारणात् कृते ।। हलोत्प्रासे त्वाच्छुरितकं हसनं स्फुरदोष्ठके ।। २१२ ।। १०शोकः शुक शोचनं खेदः ११क्रोधो मन्युः क्रुधा रूषा। ऋत्कोपः प्रतिघो रोषो स्ट चो१२त्साहः प्रगल्भता ॥२१३ ॥ अभियोगोधमौ. प्रौढिरुद्योगः कियदेतिका । अध्यवसाय ऊ|१३ऽथ वीर्य सोऽतिशयान्वितः ।। २१४ ॥ To १. रति, अनुराग' के ४ नाम हैं-रतिः, रागः, अनुरागः, अनुरतिः ।। २. 'हसने'के ६ नाम हैं-हासः, हसनम्, हसः, घघर:, हासिका, हास्यम् ॥ ३. 'मुस्कान' ( जिस हँसनेमें दाँत नहीं दिखलायी पड़े, उस )के २ नाम हैं-स्मितम्, बकोष्ठिका (स्त्री न)। ४. “जस हँसनेमें दांतका थोड़ा-सा भाग दिखलायी पड़े, उस'का १ नाम है-हसितम् ॥ ५. 'जिस हँसनेमें थोड़ा शब्द सुनाई पड़े, उसका नाम है-विहसितम् ॥ ६. 'जिस हँसनेमें अधिक शब्द सुनाई पड़े, उस'का १ नाम है-अट्टहासः ॥ ७. 'निरन्तर हँसने'का १ नाम है-अतिहासः ।। ८. निष्कारण हँसने'का १ नाम है-अपहासः ॥ ६. 'जिस हँसनेसे दूसरेको अमर्ष हो जाय, उस'का १ नाम हैआच्छुरितकम् ( + अवच्छुरितम् ) ।। विमर्श-स्मितम् ( २ । २१० )से लेकर यहाँ (२ । २१२ ) तक ८ भेद 'हसने के हैं ।। १०. 'शोक'के ४ नाम है-शोक:, शुक (-च, स्त्री), शोचनम्, खेदः ॥ ११. 'क्रोधके ६ नाम है-क्रोधः, मन्युः (पु), क्रुधा, रूषा, क्रुत् (-ध, स्त्री ), कोपः, प्रतिघः, रोषः, रुट (-ए , स्त्री )। १२. 'उत्साह'के ६ नाम हैं-उत्साहः, प्रगल्भता, अभियोगः, उद्यमः (पुन ), प्रौढिः, उद्योगः, कियदेतिका, अध्यवसायः, ऊर्जः (-र्जस् न )॥ १३. 'वीर्य, अत्युन्नत उत्साहका १ नाम है- वीर्यम् ।।
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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