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- तीर्थंकर पार्श्वनाथ पार्श्वेशतीर्थ सन्ताने पञ्चाशद्विशताब्दके।
तदभ्यन्तर वायुर्महावीरोऽन्न जातवान् ।। ७४/२४९ . इसका अर्थ यह है कि पार्श्वनाथ के बाद २५० वर्ष बीत जाने पर महावीर हुए। उनकी आयु भी इसी में शामिल है। अर्थात पार्श्वनाथ के २५० वर्ष बाद महावीर का निर्वाण हुआ। इस मत के अनुसार भी पार्श्वनाथ का जन्म ईसापूर्व ८७७ में और निर्वाण ७७७ में हुआ था। अत: यह मान्यता गलत प्रतीत होती है कि पार्श्वनाथ के निर्वाण के बाद २५० वर्ष बीत जाने पर महावीर का जन्म हुआ था तथ्य यह है कि पार्श्वनाथ के निर्वाण के १७८ वर्ष बाद महावीर का जन्म हुआ था और २५० वर्ष बाद निर्वाण हुआ था। पार्श्वनाथ का निर्वाण ईसापूर्व ७७७ में हुआ था और महावीर का निर्वाण ईसापूर्व ५२७ में हुआ था। अत: पार्श्वनाथ के जन्म वर्ष से तीन हजार वर्ष पूरे होने में अभी १२६ वर्ष शेष हैं और निर्वाण : वर्ष से तीन हजार वर्ष पूरे होने में अभी २२६. वर्ष शेष हैं।
२. जन्म स्थान तथा माता-पिता
जैन पौराणिक मान्यतानुसार तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जन्म वाराणसी में राजा विश्वसेन के यहाँ माता ब्रह्मा देवी के गर्भ से हुआ था। तिलोयपणत्ति के अनुसार पार्श्वनाथ के पिता का नाम हयसेन और माता का नाम वर्मिला था। उत्तरपुराण के अनुसार पिता का नाम विश्वसेन और माता का नाम ब्रह्मा देवी थां। वादिराजसूरि कृत पार्शवनाथ चरित के अनुसार पिता का नाम विश्वसेन और माता का नाम ब्रह्मदत्ता था। तथा समवायांग नामक आगम ग्रन्थ में पिता का नाम अश्वसेन और माता का नाम वामा देवी बतलाया गया है।
पार्श्वनाथ की आयु १०० वर्ष की थी और वे कुमार अवस्था में ही प्रवृजित हो गये थे। उन्होंने न विवाह किया और न राज्य किया। उनका कुमार काल ३० वर्ष, छद्मस्थ काल था दीक्षा लेने के बाद तपस्या काल ४ माह और केवल ज्ञान उत्पन्न हो जाने पर अर्हन्त अवस्था काल ६९ वर्ष ८ माह रहा है।