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________________ ३०० ___ तीर्थंकर पार्श्वनाथ में दिखाई देती है। छत्र-दण्ड को सम्हालने का उसका ढंग अत्यंत सुधड़ और सप्रयोजन लगता है। देवी भगवान् के बगल में कुछ अंतर से खड़ी है इसलिये दण्ड सीधा नहीं है। वह तिरछा होकर ही फणावली के ऊपर पहंच पाया है। छत्र भी तिरछा है। वह बड़ी शीघ्रता में ऐसे शक्ति-पूर्वक धारण किया गया है कि ऊपरी पंक्ति के दो आक्रमणकारी असुर उस छत्र पर ही लटक गये हैं। उनकी स्थिति ही बताती है कि देवी के हाथों का छोटा सा स्पन्दन उन दोनों को हवा में उछाल देने के लिये पर्याप्त है। .. कलाकार की साधना का सबसे बड़ा प्रमाणपत्र पार्श्वप्रभ की आत्मलीन मुद्रा के रूप में अंकित हुआ है। भवान्तर से विद्वेष पालने वाले कमठ के जीव की आक्रामक असुर सेना से घिरे, और परम चरणानुरागी भक्त धरणेन्द्र-पद्मावती के विघ्न-विनाशक उपायों से संरक्षित वे योगिराज, जैसे इस सबसे अनजान, परम उपेक्षा संयम की साधना में रत, शुद्धोपयोग की मग्नता में तल्लीन, केवल अपने आप में खोयें से खड़े हैं। उपसर्गों की नानाविध संयोजना साकार करके इस कृति के कल्पनाशील कलाकार ने उसके बीच ध्यानमग्न पार्श्वनाथ की अडिगता को आकार देकर एक ऐसा दृश्य अंकित कर दिया है जैसे तीक्ष्ण कण्टक मालाओं के बीच एक हंसता-खिलता हआ पाटल पुष्प ही हो। आश्चर्य की बात यह है कि यह अपने प्रकार की अकेली मूर्ति नहीं है। ऐसी अनेक आदमकद मूर्तियां ऐलोरा और बदामी की गुफाओं में अपने पूरे सौष्ठव-सोन्दर्य के साथ उकेरी गई है। अन्यत्र भी इस प्रकार के कुछ अंकन उपलब्ध हुए हैं। ४. हुमचा पद्मावती क्षेत्र पर पार्श्वनाथ जिनालय के मण्डप में दो विशाल पाषाण- फलक रखे हैं जिन पर उपसर्ग की घटना का बहुत सांगोपांग चित्रण है। ये फलक साढ़े पांच फुट ऊंचे हैं और इनका निर्माण काल ११वीं-१२वीं शताब्दी अनुमानित है। दोनों की संयोजना ऐलोरा के अंकन से मिलती हुई है। अंतर मात्र इतना है कि यहां कालसंबर को धनुष-वाण-बरछी से भगवान् पर आक्रमण करते दिखाया गया है तथा साथ में उसकी यक्षिणी को भी आयुध चलाकर उसकी सहायता करते दिखाया गया है। असुरों की सेना को यहां सीधे शार्दूल, गज,
SR No.002274
Book TitleTirthankar Parshwanath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Jain, Jaykumar Jain, Sureshchandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharti
Publication Year1999
Total Pages418
LanguageSanskrit, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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