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________________ १५० - तीर्थंकर पार्श्वनाथ यह ग्रन्थ अप्रकाशित है२३ । वि.सं. १५४९ में लिखित इस ग्रन्थ की एक प्रति पं. परमानन्द शास्त्री के निजि संग्रह में और वि. सं. १५२० में लिखित एक प्रति पासपुराण' के नाम से सरस्वति भवन, नागौर में सुरक्षित है। ७. महाकवि रइधु कृत पासणाहचरिउ प्रो. डॉ. राजा राम जैन के अनुसार हरिसिंह और विजय श्री के तीसरे पुत्र तथा वि. सं. १४५७ से १५३६ के महाकवि और गोपचल (ग्वालियर) को अपने जन्म से पवित्र करने वाले रइधु ने ३७ ग्रन्थों की रचना की थी२५। इन्होंने अपभ्रंश भाषा में पासणाहचरिउ' नामक ग्रन्थं भी रचा। सात संधियों और १३८ कड़वकों वाले इस ग्रन्थ के प्रारम्भ में भगवान् पार्श्वनाथ के वर्तमान भव का और अन्त में पूर्व भवों का वर्णन उत्तरपुराण . के आधार पर किया है।२६ प्रथम संधि में वाराणसी के राजा अश्व और रानी वामा देवी के वैभव का वर्णन करने के पश्चात् दूसरी संधि में भगवान् पार्श्वनाथ के गर्भ और जन्म कल्याणक का विवेचन करते हुए कहा गया है कि बैशाख कृष्ण द्वितिया को भ. पार्श्वनाथ वामा देवी के गर्भ में अवतरित हुए थे और पौष कृष्ण एकादशी के शुभ नक्षत्र में उनका जन्म हुआ था। इन्द्र ने इनका नाम पार्श्वनाथ रखा था। इसके पश्चात् बतलाया गया है कि भ. पार्श्वनाथ ने ३० वर्ष तक बाल क्रीड़ायें की। तीसरी संधि में कुश-स्थल के राजा अर्ककीर्ति की ओर से पार्श्व द्वारा यवनराजा से जीते गये युद्ध, प्रभावती के साथ विवाह कराने संबंधी अर्ककीर्ति के प्रस्ताव का पार्श्व द्वारा स्वीकार किये जाने, तापसों द्वारा जलाये जाने वाले वृक्ष के कोटर के मध्य से निकले अधजले सर्पयुगल२७ को उनके द्वारा मंत्र दिये जाने, उनकी मृत्यु से पार्श्वनाथ को वैराग्य होने का वर्णन किया गया है। इस प्रसंग में अनुप्रेक्षाओं का जैसा विशद् वर्णन किया गया है वैसा इनके पूर्ववर्ती किसी 'पासाणाहचरिउ' में उपलब्ध नहीं है। चौथी संधि में प्रमुख रूप से पार्श्वनाथ द्वारा ली गई जिन दीक्षा, संवर देव द्वारा किये गये घोर उपसर्गों को धरणेन्द्र और पद्मावती द्वारा दूर करने, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और शुभ
SR No.002274
Book TitleTirthankar Parshwanath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Jain, Jaykumar Jain, Sureshchandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharti
Publication Year1999
Total Pages418
LanguageSanskrit, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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