SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( xxxviii) सं० क्र० विषय श्लोक | क्र० विषय श्लोक | सं० सं० सं० ५६३ स्थानांग सूत्र के आधार पर ४६६/६११ वैमानिक देवों की अवधि की ५२६ देव मनुष्य लोक में आता नहीं । आकृति .५६४ मनुष्य लोक की दुर्गन्ध के ४७०/६१२ आयुष्य आदि के ज्ञान के ५३० कारण देवता यहाँ नहीं आते । विषय में . .. ५६५ मनुष्य लोक की दुर्गन्ध कैसे ४७४/६१३ सौधर्मेन्द्र-ईशान के १३ प्रतरों ५३१ जाय की उत्कृष्ट स्थिति . . ५६६ उपदेश माला का अभिप्रायः ४७६/६१४ जघन्य स्थिति ५३७ मनुष्य लोक की दुर्गन्ध के । ६१५ सौधर्म-ईशान की स्थिति में ५४० विषय में दृष्टान्त विशेषता देव-अरिहंत आदि पुण्य से |६१६ अच्युत से लेकर देवताओं :. ५४२ . आते है देवों के मनुष्य लोक में आने ४८६/ ___ को कृत्रिम-स्वाभविक देहमान के विषय में के कारण पुत्र आदि के स्नेह को देवता ४८८६१७ ग्रैवेयक-अनुत्तर के देहमान ५४५ सफल करते है के विषय में ६०१ वैमानिक देवता नरक में जाये ४६१६१८ देवताओं की सामान्यतः लेश्या ५४६ ६०२ कृष्ण-बलभद्र का दृष्टान्त ४६२/६१६ सौधर्म-ईशान के देवों की ५४७ ६०३ बलभद्र देव ने कृष्ण जी - ५०१ . गति-अगति महिमा बढ़ाई ६२० सौधर्म-ईशान की परिगृहिता ५४६ ६०४ नरक में लक्ष्मण को अच्युतेन्द्र ५०६ देवियों का आयुष्य द्वारा बोध ६२१, अपरिगृहिता देवियों के विमान ५५२ ६०५ अल्पऋद्धि वाले देवों ५०८-५०६ कैसे और कितने का गमानगमन |६२२ अपरिगृहिता देवियों की स्थिति ५५३ अवधि ज्ञान के विषय में ५१४ १६२३ सौ धर्म की अपरिगृहीता देवी ५५५ ६०७ सर्व जीवों को अवधि ज्ञान ५१८ क्या देवों के भोगने योग्य है किस दिशा से होता है |६२४ ईशान की अपरिगृहिता देवी ५६४ ६०८ मनुष्य-तिर्यंच के अवधि ज्ञान का आकार क्या देवों के भोगने योग्य है ६०६ वैमानिक देवों के जघन्य २३/६२५ अपरिगृहिता देवियों के ५७२ अवधि ज्ञान के विषय में विमानों की संख्या ६१० सर्व जघन्य अवधि के विषय ५२४/६२६ चारों निकाय के देवों की ५७७ में शंका समाधान आयु-कर्म की स्निग्धता
SR No.002273
Book TitleLokprakash Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy