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(xxxii)
सं०
मतान्तर
| ३७८
क्र० विषय श्लोक | क्र० विषय. श्लोक सं० सं०
- सं० ३५७ नैऋत्य-रतिकर की चार २६८ | ३७५ शंख द्वीप के त्रियप्रत्यावार ३२१
राजधानी तथा देवियों के नाम ३७६ द्वीपों का त्रिप्रत्यावार विषय में ३२४ ३५८ इन आठ राजधानियों में २७० कितनी इन्द्राणियाँ है
३७७ रूचक द्वीप का रूचक पर्वत ३२५ ३५६ ईशान रतिकर की चार २७१ | रूंचक द्वीप का विस्तार ...३२६
राजधानियाँ तथा देवियों के नाम | ३७६ कुंडलाकृति पर्वतों केनाम ३२८ ३६० वायव्य रतिकर राजधानी, २७४-२७६ | | ३८० द्वीप के ३६ कूट तथा दिक् . ३२६ देवी नाम, आठ राजधानी में
कुमारियाँ कितनी इन्द्राणी
३८१ रूचक द्वीप के त्रिप्रत्यावार .. ३३४ ३६१ इन्द्राणियों की राजधानी के २७७ | ३८२ देव द्वीप के आदि वं. स्वयं विषय में मतान्तर
भूरमण समुद्र . . ३३६ ३६२ नंदीश्वर कल्प प्रमाण से २८० | ३८३ स्वयंभूरमण समुद्र की उपमायें
इन्द्राणियों की राजधानी के विषय में ३८४ सर्ग समाप्ति ३६३ नंदीश्वर द्वीप के सर्व जिन चैत्य २८७
पच्चीसवां सर्ग ३६४ नंदीश्वर द्वीप की आराधना २८८/३८५ ज्योतिष् चक्र की शुरूआत व. २ ३६५ नंदीश्वरोद समुद्र के देव- २६१ समापन विस्तार आदि
मेरू से कितनी दूर है ३६६ अरूण द्वीप का विस्तार-देव २६४ पिछला ज्योतिष् चक्र कहाँ है ५
- ज्योतिष् चक्र का सब विस्तार ६ ३६७ अरूणोद समुद्र का विस्तार- २६७ तारा आदि सम भूतल से १० देव आदि
कितनी दूर है । ३६८ अरूणवर द्वीप समुद्र
चन्द्रमा से नक्षत्र आदि कितनी १५ ३६६ स्थानांग सूत्र के प्रमाण से ग्यारहवां कुंडल द्वीप
ज्योतिष चक्रों के विषय में ३७० कुंडल गिरि पर्वत का प्रमाण ३०६ मतान्तर ३७१ पर्वत पर चार जिनालय ३०८ अभिजित् व मूल नक्षत्र के २४ ३७२ कुंडल पर्वत के आठ सोम ३१० विषय में प्रभ आदि अभ्यन्तर पर्वत
ज्योतिष चक्र तथा नक्षत्र पटल ३७३ आठ पर्वतों की ३२ राजधानियों ३१३/ का विस्तार के नाम तथा वे कौन है
३६४ ज्योतिष विमानों का आकार ३२ ३७४ कुंडल द्वीप के त्रिप्रत्यावार ३१६/३६५ आकार के विषय में शंका . ३३
आदि