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( xxvii)
क्र. विषय श्लोक | क्र. विषय श्लोक | सं० . सं० सं०
सं० १६७ पर्वत की शेभा
१७ | १८७ हैमवत क्षेत्र के स्थान के तीन ८७ १६८ विदिशाओं के कूटों तथा २१ विस्तार अधिष्ठित दैवों के नाम
१८८ नदियों में कौन पर्वत से कितनी ६३ १६६. कूट पर जिनालय के विषय में २६ दूर बहती है (भगवती आदि ग्रन्थों का मत)
|१८६ महाहिमवान पर्वतों तथा सरोवरों ६५ १७० पर्वत से लेकर द्वीप के दो विभाग ३३
का विस्तार के विषय में .
| १६० महापद्म सरोवर से निकलती ६८ १७१ पर्वत की परिधियाँ . . ३६
नदियों के विषय में १७२ पर्वत तथा पुष्करार्द्ध तक दो भाग ४३
हरि सलिता आदि आठ नदियों १०२ १७३ ईषुकार पर्वत से पुष्करार्द्ध पर्वत ४८
का विस्तार तक दो भाग
आठों नदियों के कुंड़-द्वीप- १०५ १७४ ईषुकार पर्वत की लम्बाई . ५०|
| जिह्विका के विषय में १७५ पुष्करार्द्ध में रहने वाले अद्भुत
हरि वर्ष क्षेत्र का स्थान-विस्तार १०७ कुंड का स्थान
निषिध पर्वत के तिंगिच्छ ११२ १७६ कुडं का मान . .
सरोवर का स्थान-मान : . १७७ वर्षधर पर्वत का क्षेत्र - ... १७८ पुष्करार्द्ध में पर्वतों से घिरी हुई ५६
| १६५ तिगिच्छि सरोवर में से ११५ भूमि
निकलती चार नदियों के विषय में १७६ पुष्करा के भरत क्षेत्र के तीन ६३/१६६ चारों नदियों का विस्तार तथा १२० विस्तार . .
. . गहराई १८० भस्त क्षेत्र के दीर्घ वैताढ्य तथा ६६ / १६७ चारों नदियों के कुड़-द्वीप- १२१
. ऋषभ कूट के विषय में | जिबिका के विषय में ... १८१ हिमवान पर्वत की लम्बाई-चौड़ाई६६/१६८ शिखरी पर्वत पर पुंडरीक १२६ .१८२ पर्वत पर पद्म सरोवर की ७१/ सरोवर तथा उसकी नदियाँ लम्बाई-चौड़ाई
१६ हैरयेवन्त क्षेत्र-रूक्मि पर्वत १२८ १८३ सरोवर में से निकलती गंगा- ७२7 के विषय में ।
सिन्धु नदियों की गहराई व विस्तार |२०० रम्यक क्षेत्र नीलवंत पर्वत १३० १८४ कुंड-द्वीप जिबिका के बारे में ७८/२०१ किस समुद्र में कौन नदी १३२ १८५ रोहितांशा नदी का विवरण ८१ मिलती है १८६ रोहितांशा नदी के कुंड-द्वीप- ८४२०२ महाविदेह क्षेत्र का स्थान १३४ - . जिहिका के विषय में
| २०३ महाविदेह क्षेत्र के तीन विस्तार १३५