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श्लोक सं०
| सं०
क्र० विषय
श्लोक का विषय
सं० | सं० ८४ भरत क्षेत्र का विस्तार ५७ |१०४ सरोवर से निकलती नदियों के १२१ ८५ वैताढ्य पर्वत आदि जम्बू द्वीप ६३ विषय में के समान
| १०५ सीता-सीतोदा नदियों के विषय १२५ ८६ हिमवान पर्वत का मान ६८ ८७ पर्वत पर के सरोवर के मान ६६ उत्तर दिशा के क्षेत्र पर्वतों के १२६ ८८ सरोवर-कुंड वगैरा जम्बूद्वीप ७१
विषय में समान
उत्तर दिशा की कौन नदी किस १३३ गंगा आदि चार नदियों-कुंड़ों- ७७
समुद्र से मिलती है द्वीप का मान ।
१०८ रूक्मी पर्वत का सरोवर-नदियों १३७
के विषय में ६० सुवर्ण कूला आदि चार नदियों- ८०
|१०६ रम्यक क्षेत्र कुंडों-द्वीपों का मान
१३६ ६ नारिकान्ता आदि चार नदियों- ८३
११० नीलवंत पर्वत की सरोवर तथा १४०
नदियों के विषय में कुंड़ों-द्वीपों का मान .
|१११ महाविदेह क्षेत्र के स्थान १४४ ६२ शीतादि दो नादियों-कुंडों-द्वीपों ८६/
" al". ५/११२ महाविदेह क्षेत्र के मुख्य-मध्य- १४५ का मान
अन्त्य विस्तार ६३ चौदह महानदियों को गहराई के
| ११३ महाविदेह के चार विभाग . विषय में
११४ विजय तथा एक विजय का १५६ ४ नदियों की गहराई तथा विस्तार ६१
विस्तार ५ नदियाँ किस समुद्र में मिलती है ६३/११५ वक्षस्कार पर्वत के विष्कंभ । १६० ६६. समुद्र से किस तरह मिलती है ६४|११६ नदियों की लम्बाई-चौड़ाई ६७ हैमवंत क्षेत्र का स्थान-मान १००/११७ बनमुखों की चौड़ाई १६६
८ मध्य के वृत्य वैताढ्य के १०४|११८ बनमुखों की जघन्य-उत्कृष्ट १७० . विषय में
चौड़ाई ६६ हिमवान पर्वत का मान १०६/११६ पश्चिम दिशा के दो गज दंत १७४ १०० पर्वत पर के सरोवर का मान १०८ गिरी की लम्बाई . १०१ सरोवर से निकलती नदियों के १०६/ १२० पूर्व दिशा के दो गज दन्त गिरी १७६ विषय में
की लम्बाई १०२ हरिवर्ष क्षेत्र का स्थान मान ११३/१२१ गंज दंत पर्वतों की चौड़ाई १८२ १०३ निषध पर्वत तथा उसके सरोवर ११८/१२२ कुरूक्षेत्र के घनु पृष्ठ का मान १८४ का मान..
| १२३ कुरूक्षेत्र की जया का मान १८६
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