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________________ प्रकाशक जैन प्रसारक सभा, भावनगर, १९२६ वसुनन्दि-श्रावकाचार ६३. क्र० सांकेतिक नाम ६१. यो०शा० ६२. । | पा०यो०सू० | सु० रत्न०सं० ६४. तत्त्वार्थवृत्ति ६५. तत्त्वार्थवृत्ति ६६. प्रबोधाष्ठक आदि पु० ६८. सू०१० ६९. अंग प० म०क० धर्म० परी० सम्य०कौ० । ७३. पथिक पूर्ण नाम रचनाकार योगशास्त्र (अन्य) हेमचन्द्र सूरि पातंजलियोगसूत्र (अन्य) पातंजलि ऋषि सुभाषितरत्न सन्दोह आ० सकलकीर्ति | तत्त्वार्थवृत्ति (सुखबोधा टीका) आ० भास्करनन्दी तत्त्वार्थवृत्ति (श्रुतसागरी टीका) आ० श्रुतसागर सूरि प्रबोधाष्कम् स्तोत्र आ० महावीर कीर्ति आदिपुराण आ० जिनसेन सुक्ति मुक्तावलि आ० सोमप्रभ . अंग पण्णत्ति आ० शुभचन्द्र मरण कण्डिका . . आ० अमितगति. धर्म परीक्षा आ० अमितगति सम्यक्त्व कौमुदी आ० अमितगति पथिक (औपन्यासिक कथानक)| मुनि सुनील सागर ६७. (३४८) ७१. आचार्य वसुनन्दि)
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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