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________________ क्र० सांकेतिक नाम रचनाकार प्रकाशक | पूर्ण नाम यशस्तिलक चम्पू - ५३. | यशस्तिलक आ० सोमदेव (वसुनन्दि-श्रावकाचार .५४. | भा०सं० भावसंग्रह आ० भावसेन श्रीमहावीर जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, | १९७६ | अखिल भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत परिषद, लुहारिया अखिल भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत परिषद, | लुहारिया वेस्ट मलाड, बम्बई, १९७४ ५५. आ०प० आलापपद्धति आ० देवसेन आराधनासार आ० देवसेन ५६. | आ० सा० ५७. धर्म० श्रा० पंचा० (३४७) धर्मसंग्रह श्रावकाचार पंचाध्यायी पं० राजमल्ल श्रीगणेशवर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, वाराणसी, १९८६ ५८. | क्रि०को० ५९. | ला०सं० क्रियाकोश लाटी संहिता, |पं० दौलतराम श्रीमद्राजमल्ल श्री माणिकचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई आचार्य वसुनन्दि ६०. सं०प्र० संबोध प्रकरण (अन्य) | हरिभद्रसूरि
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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