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________________ (३२) ५. समन्तभद्र (ल. चतुर्थ शती ई.) रत्नकरण्डश्रावकाचार संस्कृत .. ६. हरिभद्रसूरि (आठवीं शती) सावयपण्णत्ति (?) तथा । प्राकृत .. सावयधम्मविहि प्राकृत धर्मबिन्दू संस्कृत . ७. देवसेन (९-१० वीं शती) दर्शनसार प्राकृत ८. जिनसेन (८-९ वीं सती) आदिपुराण (पर्व ४०) संस्कृत ९. सोमदेव (१० वीं शती) यशस्तिलक चम्पू उपासका- . संस्कृत ध्ययन संस्कृत संस्कृत १०. चामुण्डराय (१० वीं शती) चारित्रसार - ११. भावसेन (१० वीं शती) भावसंग्रह - प्राकृत १२. अमितगति (१० वीं शती) अमितगतिश्रावकाचार संस्कृत १३. जिनेश्वरसूरि (११ वीं शती) षट्स्थान. प्रकरण प्राकृत १४. अमृतचन्द्र (१०-११ वीं शती) पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय , १५. वसुनन्दि (११-१२ वीं शती) वसुनन्दी श्रावकाचार . . प्राकृत १६. शान्तिसूरि (१२ वीं शती) धर्मरत्न प्रकरण प्राकृत १७. आशाधर (१२३९ ई०) सागार धर्मामृत . संस्कृत १८. जिनेश्वरसूरि (१२५६ ई०) श्रावकधर्मविधि. संस्कृत १९. गुणभूषण (१४-१५ वीं शती) श्रावकाचार । • संस्कृत २०. देवेन्द्रसूरि (१४ वीं शती) सड्डजीवकप्प प्राकृत २१. लक्ष्मीचन्द्र (१५ वीं शती) सावयधम्मदोहा (?) .. अपभ्रंश २२. जिनमण्डनगणि (१५ वीं शती) श्राद्धगुणविवरण संस्कृत २३. रत्नशेखर सूरि (१४४९ ई०) सड्ढविहि प्राकृत २४. राजमल्ल (१७ वीं शती) लाटी संहिता संस्कृत २५. कुन्थुसागर (२० वीं शती) श्रावकधर्मप्रदीप संस्कृत ४. श्रावकाचार के प्रतिपादन के प्रकार जैन साहित्य में श्रावकाचार का वर्णन साधारणतः छः प्रकार से मिलता है। किसी
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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