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________________ (वसुनन्दि-श्रावकाचार. (३७) आचार्य वसुनन्दि है और इसी प्रकार सेकेण्ड, मिनिट आदि की उत्पत्ति हो जाती है। __काल यह व्यपदेश (संज्ञा) मुख्य काल का बोधक है, निश्चय काल द्रव्य के अस्तित्व को सूचित करता है, क्योंकि बिना मुख्य के गौण अथवा व्यवहार की प्रवृत्ति नहीं हो सकती। यह मुख्य काल द्रव्यार्थिक नय की अपेक्षा नित्य है तथा पर्यायार्थिक नय की अपेक्षा उत्पन्न ध्वंसीहै तथा व्यवहार काल वर्तमान की अपेक्षा उत्पन्नध्वंसी है और भूत भविष्यत की अपेक्षा दीर्घान्तरस्थायी है।।२०-२१।। ___ मुख्य काल अर्थात् परमार्थ काल के अण लोकाकाश के प्रदेशों पर स्थित हैं। यह कालाणु ही व्यवहार काल से कारणभूत हैं। व्यवहार काल अतीत और अनागत स्वरूप अनन्त समय वाला कहा गया है। द्रव्यों के परिणामित्व आदि गुण परिणामि-जीव-मुत्ताइएहि णाऊण दव्य-सम्भावं। जिण-वयणमणुसरंतेहि थिर-मई होइ कायव्वा।। २२।। अन्वयार्थ- (परिणामि-जीव-मुत्ताइएहि) परिणामित्व, जीवत्व और मूर्तत्व के द्वारा, (दव्य-सम्भाव) द्रव्य के सद्भाव को, (णाऊण) जानकर, (जिण-वयणमणुसरंतेहि) जिन भगवान् के वचनों का अनुसरण करते हए, (थिर-मई होई कायवा) (जीवों को) अपनी बुद्धि स्थिर करना चाहिये।।२२।। अर्थ- परिणामित्व, जीवत्व और मूर्तत्व के द्वारा द्रव्य के सद्भाव को जानकर जिनेन्द्र प्रभु के वचनों पर श्रद्धान करते हुए उनका अनुसरण कर निश्चल बुद्धि होना चाहिये। व्याख्या 'परिणामित्व- दो द्रव्य पर्यायों वाले होते हैं। अपनी जाति का विरोध न करते हुए वस्तु का जो विकार है- परिणमन है उसे परिणाम कहा जाता है और जिन द्रव्य विशेषों में यह पाया जाता है उन द्रव्यों का परिणामित्व गुण है, ऐसा कहा जाता है। सभी द्रव्यों में स्वभाव परिणामित्व गुण होता है। किन्तु दो द्रव्यों में कहीं विभाव पर्यायें भी होती हैं। अत: यहाँ जीव और पुद्गल को ही परिणामी समझना चाहिये। जीवत्व- जो जीता था, जीता है तथा जीवेगा वह जीव है। जिस द्रव्य विशेष में यह लक्षण पाया जाये वह जीवत्व गुण युक्त है। मूर्तत्व- स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण का सद्भाव जिसका स्वभाव है वह मूर्त है, जिसके यह गुण पाया जाये वह मूर्तत्व गुण से युक्त है।
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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